लखनऊ-अवनीश पांडेय। पूरे देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार इजाफा होने से जनता में काफी आक्रोश है। ऐसे में बढ़े हुए दामों को कम करने के लिए सीएम योगी प्रयासरत है,क्योंकि आने वाले महीनों में यूपी में विधानसभा चुनाव होने को है।
ऐसे में विपक्ष महंगाई को मुद्दा बना रहे है। अगर सरकार ने बढ़ते हुए दामों को कम नहीं किया तो चुनाव में बीजेपी को नुकसान हो सकता है। महंगाई को काबू में करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीएम योगी आज शाम डीजल-पेट्रोल पर लगने वाले वैट को लेकर बैठक करेंगे।
सीएम आवास पर होगी मीटिंग
बता दें की गुरुवार शाम सीएम योगी ने बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी, जिसमें डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर चर्चा करते हुए राहत देने को लेकर सरकार फैसला कर सकती है।महंगाई और डीजल-पेट्रोल की बढ़ती बढ़ती कीमतों को लेकर लोगों में नाराजगी है। विपक्ष भी इसे मुद्दा बनाए हुए है। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश और देश की बीजेपी सरकार इसको लेकर चिंतित है।
सबसे ज्यादा एमपी सरकार लेती है टैक्स
पेट्रोलियम पर राज्य के टैकसेसन के बारे मे 26 जुलाई को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में बताया कि सबसे ज्यादा वैट मध्य प्रदेश सरकार पेट्रोल पर लेती है। जो 31.55 रुपये प्रति लीटर है, वहीं डीजल पर सबसे ज्यादा वैट राजस्थान सरकार लेती है जो 21.82 रुपये प्रति लीटर है।
यानी जो राज्य सरकार सबसे ज्यादा वैट पेट्रोल पर लगा रही है वो कीमत भी केंद्र सरकार की एकसाइज़ ड्यूटी से कम ही है।सबसे कम वैट लेने वाला अंडमान निकोबार द्वीप समूह है जहां पेट्रोल पर 4.82 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 4.74 प्रति लीटर वैट लिया जाता है। इसी तरह यूपी सरकार भी अपनी स्वायतत्ता से वैट लेती है।
केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी चार्ज
पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 32 रुपये 90 पैसे होती है, जबकि डीजल पर यह 31 रुपये 80 पैसे होती है।गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन बदलती रहती हैं।यूपी में भी पेट्रोल की किमत सौ के पार पहुंच गई है। 105 रुपये 18 पैसे प्रति लीटर की दर से है। वही डीजल भी 97 रुपये 43 पैसे के साथ सौ पार करने में तीन अंक पीछे है।
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