लखनऊ बिजनेस डेस्क। इस त्योहारी सीजन के उल्लास और उमंग को और बढ़ाते हुए यस बैंक ने अपना ‘यस फैमिली’ का प्रस्ताव लॉन्च किया है। इसके तहत ग्राहक अपने परिवार में सभी की बेहतरी और देखभाल करने में सक्षम होते हैं और वो भी एक परिवार के रूप में एक साथ आनंद लेने के लिए विशिष्ट सेवाओं और विशेषाधिकारों के साथ।
अनूठे फायदों और विशेष पेशकशों से भरपूर यस फैमिली को सोच-समझकर कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसके माध्यम से प्रत्येक ग्राहक खरीदारी और खाने से लेकर ऋण लेने तक अनेक फायदे उठा सकता है और बड़ी आसानी के साथ इन सुविधाओं का लाभ ले सकता है। इस प्रस्ताव के प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं- पूरे परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल से जुड़े लाभ, पूरे परिवार के लिए समर्पित रिलेशनशिप मैनेजर, परिवार के सभी खातों में न्यूनतम शेषराशि बनाए रखने की फ्लेक्सिबिलिटी, डोमेस्टिक एटीएम से मुफ्त निकासी, डिजिटल लेनदेन पर शुल्क में छूट, बैंकिंग संबंधी ट्रांजेक्शंस पर यस रिवार्ड्ज़, जिन्हें परिवार के भीतर स्थानांतरित किया जा सकता है, और अन्य सुविधाओं के साथ रोमांचक कैशबैक और लाइफस्टाइल संबंधी विशिष्ट ऑफ़र।
यस फर्स्ट प्रोग्राम में उपलब्ध है
यह प्रस्ताव येस प्रॉस्पेरिटी, यस प्रेमिया और यस फर्स्ट प्रोग्राम में उपलब्ध है – जिनमें से प्रत्येक को अलग-अलग ग्राहक वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशिष्ट रूप से डिज़ाइन किया गया है। इस ऑफर की लॉन्चिंग पर टिप्पणी करते हुए येस बैंक के एमडी और सीईओ प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘चूंकि पारिवारिक जीवन शैली में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा जा रहा है, ऐसी स्थितियों में हम पारिवारिक बैंकिंग के विकसित होने और समय के साथ बने रहने की अपार संभावनाएं देखते हैं।
यह स्वीकार करते हुए कि आधुनिक परिवारों की वित्तीय ज़रूरतें और अपेक्षाएँ बदल गई हैं, येस बैंक ने एक ऐसे कार्यक्रम को तैयार करने का प्रयास किया है जो वर्तमान वास्तविकताओं के अनुरूप है और जिसमें परिवार के विभिन्न लोगों की अलग-अलग वित्तीय जरूरतों का ख्याल रखा गया है। ‘येस फैमिली’ के साथ, अलग-अलग आय स्तरों वापले ग्राहक अपने परिवार के साथ मिलकर अपने खर्च में सहयोग और समन्वय कर सकते हैं, जिससे परिवार के सभी सदस्यों को स्मार्ट खर्च और वित्तीय जिम्मेदारी सीखने का अवसर मिल सकता है। इस प्रस्ताव के माध्यम से हम हर महीने ग्राहकों को जोड़ने की अपनी रफ्तार में दिसंबर 2021 तक 15 प्रतिशत तक वृद्धि होने की परिकल्पना करते हैं।’’