- एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना का किया विरोध, इसे वापस लेने की मांग की
नई दिल्ली। एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के महासचिव का. प्रभास घोष ने जारी विज्ञप्ति में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना का विरोध करते हुए कहा कि “जब देश की जनता बेतहाशा महंगाई, ईंधन की कीमतों में अस्वाभाविक बढ़ोतरी और जीवन की अन्य ज्वलंत समस्याओं से जूझ रही है, ऐसे में भाजपा सरकार जनता को कोई राहत देने के बजाय विभिन्न तरीकों से एकाधिकार पूंजीपतियों और विशालकाय कॉरपोरेट घरानों को भारी वित्तीय लाभ पहुंचाने में व्यस्त है।
विनिवेश के जरिये लाभजनक सार्वजनिक उपक्रमों को अंधाधुंध निजी मालिकों को सौंपने के अलावा; एनएचएआई, पीजीसीआईएल, रेलवे आदि जैसे सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा निर्मित तथा अब तक उन्हीं के द्वारा संचालित सड़क, गैस पाइपलाइन, ट्रेन आदि परिसम्पत्तियों को तथाकथित ‘नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना’ के तहत निजी घरानों को बेचकर हाल ही में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की पहल शुरू की गयी है।
इस बात का जिक्र करने की जरूरत नहीं है कि कॉरपोरेट क्षेत्रों को दी गयी भारी कर रियायतों और छूट की वजह से हुए भारी राजस्व घाटे के कारण बढ़ते बजट घाटे को वित्तपोषित करने के ही ये सारे प्रयास हैं। यह निजीकरण की होड़ अब लोगों को सड़क या रेलवे परिवहन के साथ-साथ ईंधन के उपयोग आदि के लिए अतिरिक्त खर्च करने के लिए मजबूर करेगी, क्योंकि कॉरपोरेट घराने अपनी सेवादार सरकार द्वारा उनके लिए खोले गये इन नये रास्तों से अधिक से अधिक लाभ बटोरना चाहेंगे।
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