सिंधु बॉर्डर पर होगा किसानों का अखिल भारतीय अधिवेशन

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All India convention of farmers will be held on Indus border
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस सम्मेलन में 20 राज्यों से 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे।

दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 और 27 अगस्त 2021 को, आंदोलन के दिल्ली मे 9 माह पूरे होने के अवसर पर, अपना “अखिल भारतीय अधिवेशन” करने की घोषणा की है। यह अधिवेशन सिंधु बॉर्डर मंच पर होगा। इसमें देशभर में तीन काले कानून और एमएसपी के कानूनी गारंटी के लिए “आंदोलन को देश भर मे विस्तारित व तेज करने पर” चर्चा की जाएगी।सम्मेलन 5 सत्रों में आयोजित होगा।26 अगस्त को तीन सत्र होंगे,

  • पहला सत्र: 10:00 से 1:00 तक
  • दूसरा सत्र: 2:00 से 3:30 बजे तक
  • तीसरा सत्र: 3.45 से 6 बजे तक होंगे।

यह सत्र उद्घाटन सत्र, औद्योगिक मजदूरों पर और खेत मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों का आदिवासी जनता पर किए जाएंगे पहले सत्र में महिलाओं, छात्रों और युवाओं के हालात पर, सुबह 9:30 से 12:00 तक और अंतिम सत्र समापन सत्र, दोपहर 12:00 से 1:00 बजे तक होगा।सभी सत्र में नेता इस आंदोलन के सवालों को संबोधित करते हुए अपने वर्ग के पर पडने वाले प्रभाव पर चर्चा करेंगे।संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस सम्मेलन में 20 राज्यों से 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। ये संगठनों, मेहनतकश जनता के जनवादी आंदोलनों और जन अधिकारों के लिए लोगों के संघर्ष लड़ते रहे है। इनमें किसानों के बीच काम करने वाले संगठन, भूमिहीन मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों, आदिवासी जनता, औद्योगिक मजदूरों, महिलाओं व छात्रों, छोटे व्यापारियों, पूर्व रक्षा कर्मयोग, अध्यापकों, चिकित्सकों, वकीलों, आदि के बीच काम करने वाले संगठन भागीदारी करेंगे।

सम्मेलन एक प्रस्ताव पर किसानों के आंदोलन की सभी समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसे देशभर में विस्तारित व तेज करने पर चर्चा करेगा। यह मामले हैं:

क – कारपेट पक्षधर 3 कृषि कानूनों को रद्द करने
ख – सभी फसलों का सी2 प्लस 50 % पर सभी फसलो की खरीद की गारंटी देने
ग – 2021 का बिजली बिल वापस लेने,
घ – एनसीआर में पर्यावरण संबंधी आयोग द्वारा किसानों पर दमन ना करने
की मांगे शामिल हैं।

सम्मेलन में देश की जनता पर हो रहे कई अन्य हमलों पर समर्थक प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी। यह है तीन लेबर कोड, मनरेगा, ईंधन व खाद के दाम में तीव्र वृद्धि, महिलाओं पर हमले, शिक्षा का निजीकरण, राशन व्यवस्था पर हमले, आदिवासियों का विस्थापन और वन संरक्षण कानून, छोटे दुकानदारों के धंधे पर हमले, भूमि अधिकरण व भूमि का अधिकार, जनवादी अधिकारों का पर किए जा रहे हमले आदि।जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि मीडिया के लिए एक अलग मंच की स्थापना की जाएगी और हम मीडिया से अपील करते हैं कि वह उसी स्थान से कार्यक्रम का कवरेज करें।

अधिवेशन का उद्घाटन श्री बलबीर सिंह राजेवाल करेंगे।अधिवेशन, सुझावों के अनुसार, आंदोलन की एक योजना स्वीकृत करेगा उसमें इसका विस्तार व तेज करने की दिशा होगी। इसकी घोषणा अंतिम दिन की जाएगी

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