लखनऊ। किसान आंदोलन समर्थन समिति तथा राष्ट्र निर्माण अभियान के संयुक्त तत्वावधान में संवाद श्रृंखला का आयोजन लोहिया मजदूर भवन में किया गया था। संवाद में मुख्य वक्ता के तौर पर पत्रकार व कृषि अर्थशास्त्री पी. साईनाथ ने सरकार की निजीकरण की नीति और तीनों कृषि कानूनों के दूरगामी परिणामो पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि दुनिया के इतिहास में ऐसा कोई आंदोलन अभी तक नही देखा गया है और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के दूरगामी सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों पर भी प्रकाश डाला उन्होंने यह बात बहुत जोर देकर कही की यह पूरी लड़ाई असमानता के खिलाफ है।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और किसान नेता अक्षय कुमार ने सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताया और साफ किया कि ये नीतियां किसान से जमीन लेकर उन्हें भूमिहीन बना देंगी और अपनी ही जमीन पर किसान मजदूरी करने के लिए मजबूर होगा।
किसान नेता शिवाजी राय जो कि संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े हुए है और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के संयोजक है उन्हें तथा प्रोफेसर रमेश दीक्षित को इस संवाद शृंखला का संयोजक बनाया गया है। प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कार्यक्रम के प्रस्ताव को रखते हुए कहा कि देश मे चल रहे किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए किसान आंदोलन समर्थन समिति एवं राष्ट्र निर्माण अभियान के साझा कार्यक्रम में लगातार संवाद श्रृंखला आगे बढ़ेगा और किसान आंदोलन को मजबूती देगा।
शिवाजी राय का कहना कि प्रधानमंत्री मोदी देश मे किसानों को बांटने के लिए छोटे किसान की बात लालकिले से कह रहे थे देश मे नौ महीने से किसानों का ऐतिहासिक आंदोलन का मुक़ाबला करने में अक्षम पी एम मोदी लालकिले से छोटे बड़े किसानों में बटवारे की कुटिल नीति चलने की कोशिश की है लेकिन किसानों ने इसे असफल किया है।
किसान मजदूर की एकता तेज़ी से आगे बढ़ रहा है यह संवाद श्रृंखला तेज़ी से आगे बढ़ेगी जो समाज के सभी तबको को जोड़ने का काम करेगी जिससे किसान आंदोलन को ताकत मिलेगी और किसान आंदोलन अपने मुकाम पर जाएगा तथा इसका लक्ष्य तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने तथा एम एस पी को कानून बनाने के साथ साथ सामाजिक आर्थिक एवं राजनैतिक बदलाव की दिशा में भी आगे बढ़ेगा।कार्यक्रम की अध्यक्षता इप्टा के राकेश ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न किसान, मजदूर, कर्मचारी,अधिवक्ता, पत्रकार, शिक्षक व छात्र संगठन के प्रतिनिधियों ने भागीदारी किया।