कौशांबी। यूपी के कौशांबी जिले में एक दिल को झकझोरने वाली वारदात सामने आई। इस घटना को जिसने भी सुना उसका दिल कांप गया। दरअलस कौशांबी के जिला अस्पताल में नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही से एक मासूम जिंदा जलग गया। इस मासूम को मां का दूध तक नसीब नहीं हुआ।बच्चे की मौत बाद बच्चे के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। अस्पताल में हंगामे की सूचना मिलते ही मंझनपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को किसी तरह शांत कराया।
अस्पताल का स्टाफ नवजात शिशु को वॉर्मर मशीन में रखकर भूल गया था, इस वजह से बच्चे की खाल बुरी तरह झुलस गई, उसके शरीर से धुआं निकलने लगा। बच्चे का शरीर नीला पड़कर फट गया था। जब बच्चे का यह हाल स्टाफ ने देखा तो उसके हाथ-पांव फूल गए, फौरन डॉक्टर्स को सूचना दी। सूचना मिलते ही सीएमएस और डॉक्टर वार्ड में पहुंचे, तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। परिवार के लोगों ने अस्पताल पर बच्चे को मार डालने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एसएनसीयू वार्ड का स्टाफ मोबाइल पर व्यस्त था। बच्चे की देखभाल नहीं की गई।
लापरवाही से नवजात की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। मामले की सूचना पर मंझनपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह परिजनों को शांत किया। इंस्पेक्टर मंझनपुर मनीष पांडेय ने बताया कि पीड़ित पक्ष के जुनैद अहमद से तहरीर मिली है।
बेटे की जन्म की खुशी गम में बदली
मालूम हो कि फतेहपुर जनपद के हरिश्चंद्रपुर निवासी जुनैद अहमद पुत्र साबिर अली ने पत्नी मेहिलिका को शुक्रवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया था। करीब 6.15 बजे मेहिलिका ने बेटे को जन्म दिया। परिवार वाले घर में बेटे के जन्म से काफी खुश थे। वह निश्चिंत थे कि डिस्चार्ज कराकर घर चले जाएंगे, लेकिन डॉक्टर्स ने बच्चे के पूरी तरह से स्वस्थ न होने की बात कही और उसे एसएनसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया।
पूरी रात परिवार के लोगों को शिशु के पास जाने नहीं दिया गया। रविवार सुबह बच्चे की नानी शबाना उसे देखने गई तो बच्चे का शरीर नीला था और उसके शरीर से धुआं निकल रहा था।सीएमएस डॉ. दीपक सेठ का कहना है कि जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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