नए भारत को आत्मनिर्भर बनाने स्व हित से ऊपर उठकर राष्ट्रीय प्राथमिकता के संकल्प के साथ जुड़ना होगा : सुरेश प्रभु

293
To make New India self-reliant, will have to rise above self-interest and join with the resolve of national priority: Suresh Prabhu
कैसे देश आत्मनिर्भर बने, फाउंडेशन की यही प्राथमिकता रही है और रहेगी।

कानपुर। “नए भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कैसे रुके प्रतिभा पलायन” विषय पर एबी फाउंडेशन और लायन्स क्लब आफ कलकत्ता मेगासिटी कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अहम वेबिनार में देश की नामी-गिरामी हस्तियों ने गंभीर मंथन किया ।

क्या हमारे देश में प्रतिभाओं को खपाने के लिए समुचित नौकरी या रोजगार नहीं है? क्या प्रतिभाओं को वांछित वेतन व सुविधाएं हमारे यहां उपलब्ध नहीं हैं? क्या देश में ग्रामोन्मुखी विकास की कमी प्रमुख कारणों में एक है? आखिर कौन सी वजह हैं कि सरकार करोडों का खर्च कर जिन्हे डाक्टर और इंजीनियर आदि तैयार करती है लेकिन इसका फायदा राष्ट्र की बजाय विदेशी राष्ट्रों को मिलता है? आखिर कैसे रुके उनका पलायन?

वेबिनार के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री, छह बार के सांसद और जाने माने रिफार्मर सीए सुरेश प्रभु ने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि नये आत्मनिर्भर भारत निर्माण के लिए हर व्यक्ति को स्व हित से ऊपर उठकर देश की राष्ट्रीय प्राथमिकता से खुद को जोड़ने की जरूरत है। मत भूलिए कि एक व्यक्ति पूरे विश्व को बदल सकता है। देशवासी इस तथ्य को ध्यान में रख कर देश हित में कार्य करें। यह ब्रेन ड्रेन नही वरन ब्रेन गेन भी है। प्रतिभाओं के विदेश मे पलायन से देश को लाभ भी कम नहीं है। हमे आउट आफ बाक्स सोचने की जरूरत है।

वेबीनार के बतौर प्रथम वक्ता लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु चतुर्वेदी जी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत महज एक नारा नहीं बल्कि एक सपना है। जिसको पूरा करने की जिम्मेदारी हम सभी देशवासियों की है। साथ ही साथ उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर जोर डाला कि हमे अपने संस्कार तथा परंपराओं पर गर्व होना चाहिए। वैदिक शिक्षा पर भी कार्य आज के संदर्भ में आत्मनिर्भर भारत के लिए इसकी जरूरत है। उन्होने विशद रूप से यूपी की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार का प्रदेश मे 43 मेडिकल कालेज खोलना एक असाधारण पहल है। कभी देश चलाने वालों ने यह सोच लिया था कि राजधानी मे एक आयुर्विज्ञान संस्थान पर्याप्त रहेगा। आज बदले परिवेश में देश मे इनकी संख्या बढा कर 23 की जा चुकी है। आने वाले समय मे चिकित्सकों का अभाव नहीं रहेगा।

पश्चिम अफ्रीका के देश टोगो में एनआरआई उद्यमी श्री नृपेंद्र नाथ तिवारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हमें भारत में बड़े उद्योगपतियों के साथ ही जो छोटे उद्यमी तथा निवेशकों पर भी समान रूप से ध्यान देने की जरूरत है, ताकि उन्हें भी समान माहौल मिले और वे भी देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। पूर्व डीजीपी और बहुचर्चित सुपर- 30 के सह संस्थापक अभयानंद जी ने देश में शिक्षा के व्यवसायीकरण, फेक डिग्री पर रोक लगाने तथा साथ ही साथ एक ऐसा माहौल तैयार करने पर बल दिया जिसमें व्यक्ति को सोचने की आजादी हो तथा जो भी आउट ऑफ बॉक्स सोचते हों उनको प्रोत्साहित किया जाए।

देश के अग्रणी मीडिया संस्थान आनंद बाजार पत्रिका ग्रुप से जुड़े चिंतक दार्शनिक, उपन्यासकार व बहुमुखी साहित्यिक प्रतिभा के धनी अरित्र सरकार ने देश में संसाधनो की भारी कमी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में बड़े उद्देश्य के लिए लीक से हटकर सोचने में सहयोग के लिए एक माहौल तैयार करने की जरूरत है। उन्होंने देश में एक ऐसा वातावरण बनाने पर प्रकाश डाला जिससे आध्यात्मिक ज्ञान के लिए वह समूचे ब्रह्मांड का केंद्र बने। साथ ही देश में एक ऐसा माहौल तैयार किया जाए जहां कि सभी को व्यक्तिगत आजादी के साथ सफलता के शिखर पर पहुंचने के लिए समस्त संसाधन सुलभ रहें।

कार्यक्रम में संस्था के मार्गदर्शक तथा वरिष्ठ पत्रकार पदम पति शर्मा ने मुख्य अतिथि सुरेश प्रभु का स्वागत करते हुए बताया कि आप मुंबई में दो कमरे के फ्लैट मे रहने वाले सादगी से ओतप्रोत शख्स हैं। रेलवे का जो आज तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है उसके शिल्पकार प्रभु जैसा सजग रेलमंत्री मैने अपने जीवन में नहीं देखा। यदि किसी रेल यात्री ने देर रात तीन बजे भी ट्वीट किया तो उस पर त्वरित कार्रवाई हुई। यह एक अबूझा रहस्य है कि उनके कार्यकाल के दौरान आए दिन ट्रेने पटरी से उतरती रहीं और उनके हटते ही पटरी पर आ गईं। आखिर वे कौन थे जो उन्हें मंत्रालय में नहीं रहने देना चाहते थे ?उन्होने प्रतिभा पलायन के लिए देश में संसाधनों की कमी को प्रमुख कारण बताते हुए इसको रोकने के लिए सरकार से ग्राम केंद्रित बजट बनाने का पर सुझाव दिया।

वेबिनार के सह संयोजक कोलकाता मेगा सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ एक्सीलेंस की ओर से लायन श्री सुशील खेतान ने अपने संस्थान की ओर से रोजगारन्मुख पाठ्यक्रम चलाने आदि की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में संस्था के ट्रस्टी तथा आर्थिक मामलों के जानकार श्री सीके मिश्रा ने एबी फाउंडेशन की ओर से देश हित में किए गए सामाजिक कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि कैसे फाउंडेशन पूरे कोरोना वायरस काल के दौरान 55 से ज्यादा वेबिनार आयोजन में देश की जानी मानी विशेषज्ञ हस्तियों को संबोधन के लिए आमंत्रित कर समाज में एक नई ऊर्जा का संचार करने के गुरुतर दायित्व का निर्वहन कर रहा है। कैसे देश आत्मनिर्भर बने, फाउंडेशन की यही प्राथमिकता रही है और रहेगी।

वेबीनार के मॉडरेटर के रूप में डॉक्टर सुरभि पांडे ने तथा को मॉडरेटर श्री रवि पांडे ने अपनी बेहतरीन क्षमता का एक बार फिर उसी चिरपरिचित अंदाज में परिचय दिया। कार्यक्रम के अंत में संस्था की ओर से धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कोलकाता के प्रमुख समाजसेवी एडवोकेट श्री आनंद कुमार सिंह ने समस्त वक्तागण, श्रोता तथा फाउंडेशन टीम के सभी साथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने नया भारत आत्मनिर्भर हो, श्रेष्ठ हो, इस कामना एवं विश्वास के साथ कार्यक्रम को विराम दिया।

इसे भी पढ़ें…

तालिबान के आगे घुटने टेकी अफगान सरकार, राष्ट्रपति भवन में चल रही शांति से सत्‍ता सौंपने की तैयारी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here