Utsav-e-Azadi: “उत्सव ए आजादी” कवि सम्मलेन में अमर शहीदों को किया गया नमन

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  • सुरभि कल्चरल ग्रुप द्वारा ऑनलाइन कवि सम्मलेन का आयोजन
  • महिला कवयित्रीयों ने कविताओं के जरिए मनाया आजादी का जश्न

लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सुरभि कल्चरल ग्रुप द्वारा ऑनलाइन कवि सम्मलेन “उत्सव ए आजादी” का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रदेशों के कवि और कवयित्रीयों ने गीत, गज़ल व कविताओं के माध्यम से अमर शहीद जवानों को नमन कर देश भक्ति का जज्बा भरा।

रामपुर से वरिष्ठ रचनाकार जितेन्द्र कमल आनंद जी कि अध्यक्षता में हुऐ कवि सम्मेलन की शुरुआत रामपुर से रागिनी गर्ग जी की रचना ‘प्रांत-प्रांत में एकता भारत की पहचान। सूत्र बाँधता प्रेम के, मेरा देश महान’।। से हुई। इसके बाद चंदौसी, सम्भल से डा. रीता सिंह अपनी रचना ‘इसकी शोभा से विस्मित हो, दुनिया इसे निहारती जय भारत, जय भारती।। सुनाया। कविता पाठ की अगली कड़ी में लखनऊ से रंजना डीन ने ‘अमर शहीदों की स्मृति को शत शत बार नमन है, देश प्रेम के लिए स्वयं का जीवन किया हवन है!को सुना कर श्रोताओं को देश भक्ति रस से सराबोर कर दिया।

उत्तराखंड से सुश्री पुष्पा जोशी “प्राकाम्य” ‘देकर आजादी चले गए, हे अमर शहीदों तुम्हें नमन। तुम उऋण हो भारत माता से, सुन-नर-मुनि करते अभिनंदन’। और उ.प्र. बरेली से श्रीमती राजबाला धैर्य ने ‘देश सम्भालो तुम रखवालों, भारत माँ की लाज बचा लो! गजरौला श्रीमती प्रीति चौधरी, ‘राष्ट्र गौरव का सदा ही ध्यान रखना चाहिए, माथ पर टीका विजय का ही सजाना चाहिए’। लखनऊ से शिखा श्रीवास्तव, ‘तिरंगा आन है अपनी तिरंगा जान है अपनी। निशानी है ये भारत की इसी से शान है अपनी।। को सुनाया। इस अवसर पर उपस्थित श्रोताओं ने गीत, गज़ल व कविताओं भरपूर लुफ़्त उठाया।

कार्यक्रम के अंत में कवि सम्मेलन के मुख्य अथिति और अध्यक्षता कर रहे रामपुर से जितेंद्र कमल आनंद, ‘अपना यश जो गाता आया परचम लहराकर। वह है प्यारा देश हमारा भारत यह सुंदर।। सुनाकर कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की। कवि सम्मेलन का संचालन शिखा श्रीवास्तव और संयोजन शैलेन्द्र सक्सेना ने किया।

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