लखनऊ अवनीश पांडेय। बिजली संकट के खतरे को देखते हुए पूरा देश चिंता परेशान है। कोयले की कमी से विद्युत उत्पादन में आई कमी की आड़ में एनर्जी एक्सचेंज से बिजली के कारोबार में मुनाफाखोरी का धंधा चरम पर पहुंच गया है। निजी घरानों के विद्युत उत्पादन गृहों द्वारा राज्यों को 15 से 20 रुपये तक प्रति यूनिट बिजली बेचने का मुद्दा गरमाने लगा है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एनर्जी एक्सचेंज में 20 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने एक्सचेंज से महंगी बिजली न बिके इसके लिए सीलिंग लगाने पर विचार करने का अनुरोध किया है।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय मंत्री को भेजे गए अपने पत्र में उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के पत्र का हवाला दिया है। जिसमें लिखा है कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी को समाप्त करने तथा पावर एक्सचेंज पर महंगी बिजली न बिके इसके लिए सीलिंग लगाने का सुझाव दिया गया है। परिषद के इस पत्र के हवाले से श्रीकांत शर्मा ने इस मामले में जल्द आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।
ऐसे पड़ेगा उपभोक्ताओं पर बोझ
विद्युत उत्पादन में कोयले की बढ़ती किमत का बोझ बिजली कंपनियों को उठाना पड़ रहा है. जिससे जाहिर होता है कि आने वाले समय में कंपनियां अपने बोझ को कम करने के लिए उपभोक्ताओं पर बोझ डालेगी और बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी होगी।