अलगाववादी नेताओं से मुलाकात के बाद सीएम योगी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, बोले देश तोड़ने वालों के साथ

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After meeting separatist leaders, CM Yogi targeted Rahul Gandhi, said he was with those who broke the country.
राहुल गांधी का एकमात्र लक्ष्य भारत की एकता, अखण्डता और सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करके देश को गृह युद्ध की ओर धकेलना है।

लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने यूएस दौरे के दौरान अलगाववादी नेताओं से मुलाकात करके विपक्ष के निशाने पर आ गए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिए बयान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस के ‘युवराज’ भारत विरोधी अलगाववादी समूह के नेता बनने की ओर अग्रसर हैं और उनका एकमात्र लक्ष्य भारत की एकता, अखण्डता और सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करके देश को गृह युद्ध की ओर धकेलना है।

योगी आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “कांग्रेस के ‘युवराज’ राहुल गांधी भारत विरोधी अलगाववादी समूह के नेता बनने की ओर अग्रसर हैं। इनका एकमात्र लक्ष्य भारत की एकता, अखण्डता और सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करके देश को गृह युद्ध की ओर धकेलना है।” उन्होंने आरोप लगाया, “राष्ट्र विरोधी नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के साथ गठबंधन करने वाली और पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी कर उसका बड़ा हिस्सा मुसलमानों को सौंपने वाली कांग्रेस के ‘युवराज’ अब देश से आरक्षण को समाप्त करने का कुचक्र रच रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “लेकिन राहुल गांधी को समझ लेना चाहिए कि इस देश में जब तक भाजपा का एक भी कार्यकर्ता है, उनकी यह विभाजनकारी मंशा सफल नहीं होने पाएगी। हम भारत के लोग कांग्रेस सहित सभी राष्ट्र विरोधी ताकतों के विरुद्ध एकजुट हैं।”

देश से माफी मांगे राहुल गांधी

योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार शोषित, पीड़ित और वंचित के उत्थान के लिए कृतसंकल्पित है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी द्वारा देश में विभाजन के बीज रोपने का प्रयास निंदनीय है। उन्हें इसके लिए देश वासियों से माफी मांगनी चाहिए।” लोकसभा में कांग्रेस और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका के प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा के सवाल पर कहा था, “जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है।”

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