होण्डा ने लखनऊ में सफल सड़क सुरक्षा सम्मेलन के साथ भावी पीढ़ी की मानसिकता विकास का किया नेतृत्व

  • 150 से अधिक स्कूली प्रधानाध्यापकों एवं अध्यापकों ने सड़क सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया
लखनऊ। सड़क सुरक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया ने वर्तमान में चल रही अपनी परियोजना -माइंडसैट डेवलपमेन्ट फॉर ऑवर फ्यूचर जनरेशन- के तहत लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्कूली प्रधानाध्यापकों के साथ सड़क सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में लखनऊ के निजी एवं सरकारी स्कूलों से 150 से अधिक स्कूली प्रधानाध्यापकों एवं अध्यापकों ने सक्रियता के साथ हिस्सा लिया।
सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रदीप सिंह (जॉइन्ट डायरेक्टर फॉर एजुकेशन, लखनऊ मंडल), राकेश कुमार (डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल, लखनऊ), मनीषा द्विवेदी (असिस्टेन्ट डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल, लखनऊ), जय शंकर श्रीवास्तव (असिस्टेन्ट डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल, लखनऊ) और प्रभु नागराज (ऑपरेटिंग ऑफिसर, कॉर्पोरेट अफ़ेयर्स, होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया) तथा एचएमएसआई से अन्य प्रतिनिधि भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

चालकों में अनुशासन की जरूरत

वर्तमान में भारत की सड़कों पर यातायात की स्थिति को देखते हुए सड़क का उपयोग करने वाले लोगों में अनुशासन की ज़रूरत बहुत अधिक है। सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है सड़क के प्रति सोच एवं मानसिकता। बड़े पैमाने पर यातायात नियमों की अनदेखी अक्सर सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य, स्कूल अध्यापकों द्वारा प्रशिक्षण के माध्यम से सभी छात्रों के लिए सड़क सुरक्षा शिक्षा की पहुंच बढ़ाते हुए बच्चों के लिए माइंडसेट डेवलपमेन्ट की आधुनिक अवधारणा को दर्शाना था।
एचएमएसआई का मानना है कि कम उम्र में ही सड़क सुरक्षा के प्रति बच्चां की सोच को बदल कर और उन्हें उचित शिक्षा देकर न सिर्फ बच्चों बल्कि उनके अभिभावकों पर भी सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न किया जा सकता है। एचएमएसआई के विश्वस्तरीय सुरक्षा स्लोगन ‘हर किसी के लिए सुरक्षा’ के अनुरूप कंपनी ने युवाओं की उम्र को ध्यान में रखते हुए तीन लर्निंग मोड्यूल तैयार किए हैं, ताकि उनमें अनुशासन की भावना को बढ़ाकर सुरक्षित समाज के निर्माण में योगदान दिया जा सके।

आठ सौ से अधिक अध्यापकों को प्रशिक्षण

सम्मेलन के दौरान, एचएमएसआई ने सभी स्कूली अधिकारियों से इन तीनों मोड्यूल्स का उपयोग करने का आग्रह किया तथा सभी छात्रों तक इस प्रोग्राम की पहुंच बढ़ाने के लिए आपसी सहयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। कंपनी ने इस मिशन में योगदान देने तथा भारत के लिए उज्जवल एवं सुरक्षित भविष्य के निर्माण के लिए स्कूलों को आमंत्रित किया है। एचएमएसआई अब तक देश भर में 4 सड़क सुरक्षा सम्मेलनों का आयोजन कर चुकी है, जिनमें 400 से अधिक स्कूलों के 800 से अधिक स्कूली प्रधानाध्यापकों एवं अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया है।
ये सम्मेलन 1.8 लाख छात्रों को सड़क सुरक्षा के बारे में ज़रूरी ज्ञान प्रदान कर उन्हें लाभान्वित कर चुके हैं। इसी सफलता के आधार पर हमें खुशी है कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान हमने 10 और सम्मेलनों के माध्यम से अपने प्रयासों का विस्तार करने की योजना बनाई है। हमारा उद्देश्य 5 लाख छात्रों को कवर करना और यह सुनिश्चित करना है कि युवा छात्रों को सड़क सुरक्षा पर उचित शिक्षा मिले।

सड़कों को सुरक्षित बनाने की पहल

कंपनी सर्तकता एवं ज़िम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देकर हर किसी के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। सड़क सुरक्षा के लिए होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया की सीएसआर प्रतिबद्धतासाल 2021 में होंडा ने विश्वस्तर पर एक दृष्टिकोण वक्तव्य जारी किया जिसके मुताबिक होण्डा 2050 तक दुनिया भर में होण्डा की मोटरसाइकिलों एवं ऑटोमोबाइल्स की जानलेवा दुर्घटनाओं को शून्य तक लाने के लिए प्रयास करेगी। एचएमएसआई इसी दृष्टिकोण से भारत सरकार के साथ काम करते हुए 2030 तक दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा करने की दिशा में कार्यरत है। एचएमएसआई एक ऐसी कंपनी बनने के लिए प्रयासरत है, जिसे समाज प्राथमिकता दे और ऐसे अनूठे विचारों के साथ समाज के सभी वर्गों के लिए सड़क सुरक्षा जागरुकता पर फोकस करती रही है जो स्कूली बच्चों से लेकर कॉर्पोरेट्स तक समाज के हर वर्ग पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
Honda takes the lead in developing the mindset of the future generation with a successful road safety conference in Lucknow
सम्मेलन के दौरान, एचएमएसआई ने सभी स्कूली अधिकारियों से इन तीनों मोड्यूल्स का उपयोग करने का आग्रह किया।

बच्चों को जागरूक करना

इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलु यह है कि साल 2030 तक हमारे बच्चों में सड़क सुरक्षा के बारे में सकारात्मक मानसिकता का विकास किया जाए और इसके बाद भी उनकी शिक्षा जारी रखी जाए। स्कूलों एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा शिक्षा न सिर्फ जागरुकता बढ़ाती है बल्कि युवाओं में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर उन्हें सुरक्षा के दूत के रूप में भी विकसित करती है। यह भावी पीढ़ियों को ज़िम्मेदार बनने और सुरक्षित समाज में योगदान देने के लिए सक्षम बनाती है। एचएमएसआई के कुशल सेफ्टी इंस्ट्रक्टर्स की टीम देश भर में अपने 10 अडॉप्टेड टै्रफिक ट्रेनिंग पार्कों (टीटीपी) और 6 सेफ्टी ड्राइविंग एजुकेशन सेंटरों (एसडीईसी) में रोज़ाना प्रोग्रामों का संचालन करती है और समाज के हर वर्ग के लिए सड़क सुरक्षा की शिक्षा को सुलभ बनाती है। यह पहल अब तक 7.5 मिलियन भारतीयों तक पहुंच चुकी है।

लर्निंग को रोचक और वैज्ञानिक बनाया

  • साइन्टिफिक रूप से तैयार किया गया लर्निंग मॉड्यूलः होण्डा के कुशल इंस्ट्रक्टर्स ने विशेष थ्योरी सत्रों के माध्यम से सड़क संकेतों एवं चिन्हों, सड़क पर ड्राइवर के कर्तव्य, राइडिंग गियर एवं पोस्चर तथा सुरक्षित राइडिंग के लिए सड़क पर शिष्टाचार की जानकारी दी।
  • प्रैक्टिकल लर्निंगः होण्डा के वर्चुअल राइडिंग सिमुलेटर पर विशेष प्रशिक्षण गतिविधि को अंजाम दिया गया, जिसमें सभी को सड़क पर राइडिंग शुरू करने से पहले 100 संभावी खतरों के बारे में बताया गया।
  • इंटरैक्टिव सेशनः प्रतिभागियों को खतरों का पूर्वानुमान लगाने के लिए प्रशिक्षण- किकेन योसोकु ट्रेनिंग (केवायटी) दी गई, ताकि राइडर वाहन चलाते समय खतरे का अनुमान लगा सकें और सड़क पर सुरक्षित रह सकें।
  • मौजूदा ड्राइवरों के राइडिंग कौशल में सुधारः छात्र और स्टाफ के सदस्य जो पहले से वाहन चलाते हैं, संकरे रास्तों पर राइडिंग एवं स्लो राइडिंग गतिविधियों के माध्यम से उनके राइडिंग कौशल की जांच की गई और इसमें सुधार लाया गया।

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