चीन प्रेम में पड़े मुइज्जू को भारत से दुश्मनी पड़ने लगी महंगी,अरबों रुपये का हुआ नुकसान

माले। चीन के प्रभाव में आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारत से दुश्मनी लेना महंगा पड़ने लगा है। भारत के नाराज होने से मालदीप की अर्थव्यवस्था धीरे—धीरे पटरी से उतरने लगे है। मुइज्जू के भारत से दुश्मनी मोल लेने के कारण पिछले तीन महीनों में मालदीव को तगड़ा नुकसान हुआ है। अब आशंका जताई जा रही है कि अगर यही ट्रेंड बना रहा तो इस साल मालदीव को 2 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 के पहल दो महीनों में भारतीय पर्यटकों की आवक में काफी गिरावट दर्ज की गई है। मालदीव पहुंचने वाले पर्यटकों के मामले में पिछले साल नंबर एक पर रहने वाला भारत अब पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।

मालदीव नहीं जाना चाहते भारतीय

मालदीव ने चीन प्रेम में पड़कर भारत को वहां से बाहर कर दिया, इस वजह से भारतीय अब वहां पर छुटि्टयां मनाने नहीं जाना चाहते। 2020 से वैश्विक महामारी के बीच और उसके बाद अगले दो वर्षों में भारत उन तीन वर्षों के लिए मालदीव आने वाले पर्यटकों के मामले में शीर्ष पर काबिज रहा। अब, मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 02 मार्च तक भारत से पर्यटकों के आगमन में पिछले वर्ष की तुलना में 33% की गिरावट देखी गई। मालदीव के कई टूरिस्ट ऑपरेटरों का कहना है कि हम जितना चाहें दिखावा कर सकते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि भारतीयों के आगमन में काफी गिरावट आई है।

भारतीय इसलिए महत्वपूर्ण

मालदीव की कई टॉप क्लास प्रॉपर्टीज भारतीय यात्रियों से होने वाले आय पर निर्भर हैं। इसके अलावा कई दूसरे शहरों में गेस्ट हाउस और होटलों में ठहरने वाले पर्यटकों का बड़ा हिस्सा भारत से आता है। भारतीय यात्रियों का यात्रा पैटर्न यूरोपीय यात्रियों के विपरीत होता है। इसका मतलब है कि गर्म मौसम के दौरान भारतीय पर्यटक अक्सर मालदीव आते हैं, जो यूरोपीय बाजार में आगमन में गिरावट के साथ मेल खाता है।

दूसरे शब्दों में, मालदीव पर्यटन के ऑफ-पीक सीजन के लिए भारत सबसे महत्वपूर्ण ‘फिलर’ है। भारत ऑफ-पीक सीज़न के दौरान मालदीव को पर्यटन संबंधी आय बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।भारतीय पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट से मालदीव को 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक का नुकसान होगा। भारतीय पर्यटकों के आगमन पर निर्भर ट्रैवल एजेंसियां और ऑपरेटर राजस्व में 80% की गिरावट की आशंका जता रहे हैं।

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