अयोध्या। सदियों के इंतजार के बाद हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम को भव्य महलनुमा मंदिर मिल गया है, अब वह टेंट में नहीं बल्कि मंदिर यह रहेंगे। यह वाक्य पीएम मोदी ने प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने वक्तव्य में कहीं। वहीं सीएम योगी ने कहा कि हमने मंदिर वहीं बनाया जहां सौगंध ली थी। मंदिर में भव्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद वहां मौजूद संत समाज से लेकर आज जन मानस ने मोदी योगी को धन्यवाद दिया।
मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत सियावर रामचंद्र की जय के जयकारे के साथ की। पीएम मोदी ने कहा कि सियावर रामचंद्र की जय! आपको सबको प्रणाम, सबको राम-राम! आज हमारे राम आ गए हैं। उन्होंने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को बधाई। मैं गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूं।वहीं प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी मंदिर से जुड़े श्रमिकों का पुष्पवर्षा के स्वागत किया तो, देश-दुनिया से जुड़ी हस्तियों से मुलाकात की
हमारे आराध्य अब टेंट में नहीं रहेंगे
हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है, अपार श्रद्धा है, जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश और विश्व के कोने-कोने में राम भक्तों को हो रही होगी। यह क्षण आलौकिक है। यह पल पवित्रतम है। यह माहौल, वातावरण, यह घड़ी, प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि दैवीय आशीर्वाद और दिव्य आत्माओं की वजह से यह कार्य पूरा हुआ है। मैं इन सभी दिव्य चेतनाओं को भी नमन करता हूं। मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। लंबे वियोग से आई आपत्ति का अंत हो गया है।
राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं
पीएम ने कहा कि राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की। अनगिनत लोगों, कारसेवकों, संत-महात्माओं के हम सब पर ऋण हैं। आज का अवसर उत्सवता का क्षण तो है ही, लेकिन यह क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का भी क्षण है। यह अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। दुनिया का इतिहास साक्षी है कि कई राष्ट्र अपने इतिहास में उलझ जाते हैं, जब देशों ने उलझी हुई गांठों को खोलने का प्रयास किया तो उन्हें सफलता पाने में कठिनाई आई है। लेकिन हमारे देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और भावुकता के साथ खोला है। यह बताता है कि हमारा भविष्य, हमारे अतीत से सुंदर होने जा रहा है। राम आग नहीं हैं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, राम सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंत हैं।
बाल रूप की हुई प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में आखिर रामलला विराजमान हो गए। पूरे विधि-विधान के साथ भगवान के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसी बीच रामलला की मूर्ति की बेहद खास तस्वीरें सामने आई हैं। शृंगार युक्त मूर्ति में भगवान के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं।योगी ने रामलला भगवान की जय बोलने के साथ भारत माता की जय और जैजै सीतारम से भाषण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रभु राम लला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। मन भावुक है।
सीएम योगी ने आगे कहा कि निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे, आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है। हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है। हर जुबान राम नाम जप रही है। रोम-रोम में राम रमे हैं…ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गए हैं
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