राजधानी में लगेगा पहला ई बस निर्माण का प्लांट, दस हजार लोगों को मिलेगा​ रोजगार, कंपनी इतने करोड़ का करेगी निवेश

लखनऊ। प्रदेश सरकार की मेहनत रंग ला रही हैं,देश की नामी गिरामी कंपनियां यूपी में निवेश को आगे आ रही है,इससे प्रदेश के लोगों को रोजगार के ​साधन उपलब्ध हो सकेंगे, उन्हें काम की तलाश में दूसरे प्रदेशों का रूख नहीं करना होगा। इसी क्रम में प्रसिद्ध वाहन निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड लखनऊ-कानपुर रोड स्थित स्कूटर इंडिया की जमीन पर प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक बस निर्माण संयंत्र लगाएगा। इस पर 1500 करोड़ रुपये निवेश होंगे। इस प्लांट के लगने से दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

231 एकड़ जमीन मुफ्त में दी गई

बड़े वाहन बनाने वाली विश्व की चौथी बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड अब उत्तर प्रदेश की राजधानी में अपना प्लांट लगाने जा रही हैं, इसके लिए जगह तय हो गई हैं। सरकार ने स्कूटर इंडिया की जमीन को प्लांट के लिए एलाट कर दिया ​है। 15 सितंबर को अशोक लीलैंड समूह के धीरज हिंदुजा ने यूपी में एकीकृत वाणिज्यिक वाहन बस संयंत्र स्थापित करने को लेकर समझौता किया था। समूह ने लखनऊ स्थित स्कूटर इंडिया और प्रयागराज स्थित बीपीसीएल की जमीन देखी थी। बीपीसीएल की 231 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को निशुल्क दी गई।

बढ़ेंगे रोजगार के साधन

बता दे कि लखनऊ में टाटा समूह के आने से पहले लगभग यहां 200 से ज्यादा सहायक इकाइयां केवल आटोमोबाइल सेक्टर की हैं। यह जमीन कंपनी को अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के तहत दिया गया। यूपीसीडा के पास जमीन आते ही हिंदुजा समूह को जमीन मिलने का रास्ता भी साफ हो गया था। प्रयागराज में जमीन की उपलब्धता और औद्योगिक नीति के मुताबिक सब्सिडी लखनऊ की तुलना में ज्यादा थी। श्रम भी सस्ता था। इस लिहाज से प्रयागराज लखनऊ पर भारी पड़ रहा था।बड़ा उद्योग केवल जमीन और सब्सिडी के सहारे नहीं पनप सकता जबकि तक उसके पास सहायक इकाइयों (एंसीलरी) का मजबूत नेटवर्क न हो। इस कसौटी में लखनऊ से प्रयागराज पिछड़ गया।

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