लखनऊ,बिजनेस डेस्क। फंड की शुरुआत में निवेश किए गए 10 लाख रुपये 31 दिसंबर, 2022 तक बढ़कर 18.64 करोड़ रुपये हो गए यूटीआई मास्टरशेयर यूनिट स्कीम भारत का पहला इक्विटी-ओरिएंटेड फंड है (अक्टूबर 1986 में लॉन्च किया गया) और 35 से अधिक वर्षों से अधिक का इसका धन सृजन का ट्रैक रिकॉर्ड है.यूटीआई मास्टरशेयर यूनिट स्कीम एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन लार्ज कैप कंपनियों में निवेश करना है, जिनके संबंधित क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है. यह स्टॉक चुनने के लिए उचित मूल्य पर विकास (जीएआरपी) की निवेश शैली अपनाता है।
ऑपरेशनल कैश फ्लो
किसी कंपनी की कमाई में अंतर्निहित वृद्धि को देखते हुए पोर्टफोलियो में उस शेयर को खरीदने के लिए उचित कीमत चुकानी होगी. फंड का उद्देश्य उन कंपनियों में निवेश करना है जो नियंत्रित उधारी, लगातार राजस्व वृद्धि, लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित करने, पूंजी लागत की तुलना में पूंजी पर हाई रिटर्न और लगातार ऑपरेशनल कैश फ्लो के साथ मौलिक रूप से मजबूत हो,ऐसी कंपनियां भविष्य के विस्तार के लिए ओपन कैश फ्लो उत्पन्न कर सकती हैं और मौजूदा शेयरों के वैल्यू को कम करने से बच सकती हैं।
यूटीआई मास्टरशेयर यूनिट स्कीम, जिसे लार्ज कैप फंड के रूप में वर्गीकृत किया जा रहा है, में आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, एचडीएफसी लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड जैसी प्रमुख कंपनियों का पोर्टफोलियो है और शीर्ष 10 शेयरों का पोर्टफोलियो में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा है. यह स्कीम वर्तमान में 31 दिसंबर 2022 तक ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, उपभोक्ता सेवाओं, दूरसंचार, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और पूंजीगत वस्तुओं पर अधिक वजन और तेल, गैस और कन्ज्यूमेबल ईंधन, एफएमसीजी, धातु और खनन, बिजली और निर्माण सामग्री पर कम वजन देती है।
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