लखनऊ। बिजली कर्मचारी संगठनों ने नोएडा का बिजली वितरण लाइसेंस पाने के लिए अडाणी ग्रुप द्वारा विद्युत नियामक आयोग में दाखिल याचिका को लेकर विरोध जताया है। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बुधवार को आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर विधिक सवाल उठाया। वहीं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भी विरोध का ऐलान किया है।
विद्युत उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध
वहीं विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के मुताबिक वर्तमान में गौतम बुद्ध नगर जनपद में नोएडा और ग्रेटर नोएडा का क्षेत्र आता है। जिसमें ग्रेटर नोएडा का पूरा क्षेत्र 1993 से निजी वितरण कंपनी नोएडा पावर कंपनी के पास है। जिसको टेकओवर करने के लिए विगत दिनों प्रदेश सरकार के निर्देश पर ऊर्जा विभाग द्वारा उसको नोटिस भेजा गया था। जिस पर निजी कंपनी द्वारा अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल कर दिया गया था।
इसके विरोध में गत दिवस यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जो स्वीकार हो गई है। कहा गया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से मामले का निस्तारण न हो तब तक याचिका में सुनवाई नहीं की जा सकती।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उठाई ये मांग
वहीं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि यदि पावर कारपोरेशन के कार्यक्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा या अन्य किसी भी स्थान पर किसी निजी कंपनी को बिजली वितरण का लाइसेंस देने की कोशिश हुई तो इसका विरोध किया जाएगा। समिति पदाधिकारियों के मुताबिक इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के मुताबिक बिजली वितरण का पैरेलल लाइसेंस लेने की बुनियादी शर्त यह है कि निजी कंपनी के पास उस क्षेत्र में अपने बिजलीघर और लाइनों का नेटवर्क होना चाहिए।
जबकि नोएडा में बिजली वितरण करने का पूरा नेटवर्क पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पास है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में शामिल राजीव सिंह, जितेंद्र सिंह गुर्जर, जयप्रकाश, जीवी पटेल, गिरीश पांडे, सदरूद्दीन राना, राजेंद्र घिल्डि याल, सुहेल आबिद, पीके दीक्षित, चंद्रभूषण उपाध्याय, महेंद्र राय, शशिकांत श्रीवास्तव, आरवाई शुक्ल आदि ने प्रदेश सरकार से उपभोक्ता हित में अडाणी ग्रुप को लाइसेंस देने का आयोग में विरोध करने की मांग की है।
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