एईईई ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ क्रॉस-सेक्टोरल कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए उठाए कदम

222
AEEE takes steps to advance cross-sectoral action against climate change
ई-व्हीकल और सस्टेनेबल बिल्डिंग से जुडत्रे इनोवेशन संबंधी प्रयासों को और मजबूत करेगी।

लखनऊ-बिजनेस डेस्क। एलायंस फॉर एन एनर्जी एफिशिएंट इकोनॉमी (एईईई) ने आज अपने सदस्य संगठनों के साथ कॉल फॉर एक्शन (सीएफए) पहल शुरू की। यह पहल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई से संबंधित है। एईईई देश का एक ऐसा अग्रणी थिंक टैंक है, जो ‘फर्स्ट फ्यूल’ के तौर पर ऊर्जा दक्षता के बारे में जागरूकता पैदा कर रहा है। एईईई अपनी इस पहल के माध्यम से हमारे प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने के लिए सरकार, उद्योग और गैर-लाभकारी संगठनों के सहयोग का आह्वान करता है।

एविडेंस बेस्ड पॉलिसी

यह पहल हमें बताती है कि ऊर्जा की तीव्रता को कम करने पर व्यापक तौर पर ध्यान देने के साथ, व्यवसायों, औद्योगिक यूटिलिटी और अस्पतालों और होटलों जैसे बड़े खपत केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस लिहाज से जरूरी है कि इन्हें डेटा-ड्रिवन, एविडेंस बेस्ड पॉलिसी को सपोर्ट करते हुए ऊर्जा-कुशल टैक्नोलॉजी और एप्लायंसेज को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। सीएफए के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए चिराग बैजल, चेयरमैन, एईईई और मैनेजिंग डायरेक्टर, कैरियर एयर कंडीशनिंग एंड रेफ्रिजरेशन लिमिटेड ने कहा, ‘शुरुआत करते हुए हम इस बहुत जरूरी पहल को शुरू करने की घोषणा कर रहे हैं जो हमारे कार्यों को तेज करेगी और कूलिंग अप्लायंसेज, कोल्ड-चेन, ई-व्हीकल और सस्टेनेबल बिल्डिंग से जुडत्रे इनोवेशन संबंधी प्रयासों को और मजबूत करेगी।

क्लाउड-आधारित डेटा नियंत्रण

हालांकि हमने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है, फिर भी हमें स्वच्छ ऊर्जा के लिए भारत के मिशन को गति देने के लिए भारत सरकार, उद्योग की बड़ी कंपनियों, गैर-लाभकारी संस्थाओं और शिक्षाविदों के समर्थन की आवश्यकता है।’’ एईईई अपने सदस्यों जैसे एबीबी, बीएसईएस, कैरियर, डेन्सो, डेन्फॉस, टेबरीड और सेंट गोबैन के साथ, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की दिशा में निरंतर अथक प्रयास कर रहे हैं। ऊर्जा कुशल प्रथाओं और आईओटी, डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड-आधारित डेटा नियंत्रण जैसी नवीन तकनीकों के लिए उनके संयुक्त और ठोस प्रयासों में, कार्बन पदचिह्न को कम करने और एक हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

इसे भी पढ़े..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here