पोस्ट कोरोना ने बिगाड़ी लोगों की सेहत, न्यूकोडर्मा समेत इन बीमारियों ने बढ़ाई चिन्ताएं

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में मेंटल हेल्थ-डे फेस्टिवल-2022 का आयोजन। मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्चों ने डांस में मचाया डमाल, विशेषज्ञों ने तन-मन को स्वस्थ रखने के सुझाए टिप्स।

लखनऊ। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को राजधानी के गोमती नगर स्थित आईएमआरटी बिजनेस कालेज में गोल्डन फ्यूचर संस्था के बैनर तले वर्ल्ड मेंटल हेल्थ—डे फेस्टिवल—2022 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जहां एक ओर शारीरिक मजबूती के साथ मन की सेहत को मजबूत करने पर बल दिया गया,

तो वहीं दूसरी ओर यहां लगाए गए रक्तदान शिविर के जरिए लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित भी किया गया। वहीं कार्यक्रम में मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्चों ने डांस कर सभी को खुश रहने का संदेश दिया तो वहीं नुक्कड़ नाटक समेत अन्य कार्याक्रमों के आयोजन ने पॉजिटिव रहने का संदेश दिया।

कार्यक्रम में मानसिक रूप से अस्वस्थ बच्चों ने डांस कर सभी को खुश रहने का संदेश दिया तो वहीं नुक्कड़ नाटक समेत अन्य कार्याक्रमों के आयोजन ने पॉजिटिव रहने का संदेश दिया।

मन को रिचार्ज करना जरूरी

कार्यक्रम के तहत आयोजित सेशन पैनल डिक्शन में विशेषज्ञों ने व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं अध्यामिक रूप में मजबूत होने पर बल दिया। अपने संबोधन के दौरान ब्रहृमकुमारी संस्था की बहन राधा ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने पर तो हम ध्यान देते हैं, लेकिन मन को स्वस्थ रखने को देने वाली खुराक हम भूल जाते है, जिसके परिणाम स्वरूप तनाव व अन्य बिमारियों के शिकार हो जाते है।

उन्होंने बताया कि एक रिसर्च में पाया गया है कि 24 घंटे में व्यक्ति 60 से 70 हजार थॉट क्रिएट करता है और यह अधिकतर वेस्ट थॉट होती हैं, जिससे सिर्फ और सिर्फ नाकारात्मकता ही बढ़ती है। यह नाकारात्मक ऊर्जा ही तनाव को बढ़ाती है। अपने संबोधन के दौरान राधा दीदी ने मन को रिचार्ज करने के कुछ टिप्स भी सुझाए।

पॉजिटिव ऊर्जा बढ़ाती है आत्मविश्वास

वहीं अपने संबोधन के दौरान फादरी हबर्ट एविल ने बताया कि आज के समय में लोगों में आगे निकलने की होड़ मची है। बस एक व्यक्ति दूसरे को रौंद आगे निकलना चाहता है। जबकि सभी धर्म आपसी सद्भाव—सहयोग से आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर में सच्चा विश्वास ही हमारी अध्यात्म शक्ति को बढ़ाता है। जिससे मन मजबूत होता है और नाकारात्मक ऊर्जा धीरे-धीरे शून्य होती जाती है।

कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में रामकृष्ण मठ लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद, ब्रहृमकुमारी संस्था की राधा दीदी, डॉ. अंजली गुप्ता, डॉ.गिरीश गुप्ता आदि मौजूद रहें। कार्याक्रम का संचालन गोल्डन फ्यूचर के संस्थापक शोभित नारायण अग्रवाल ने किया। वहीं आयोजन के तहत के नुक्कड़ नाटक समेत अन्य कार्याक्रम भी आयोजित हुए। यहां पयर्टन विभाग समेत अन्य संस्थाओं के स्टाल भी लगाए गए,जिसका काफी संख्या में पहुंचे लोगों ने अवलोकन किया

पोस्ट कोरोना ने बिगाड़ी लोगों की मानसिक सेहत

पोस्ट कोरोना के बाद लोगों में फिजीकल—मेंटल समस्या बढ़ रही है। कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान डॉ.गिरीश गुप्ता ने बताया कि कोरोना के भीषण दौर ने लोगों को काफी प्रभावित किया है। नाकारात्मकता बढ़ी है। लोगों को न्यूकोडर्मा जैसी स्किन समस्याओं के साथ—साथ, जोड़ों में दर्द,सरवाइकल, पेट की खराबी आदि बिमारियों से जूझना पड़ रहा है।

इसके पीछे उन्होंने मानसिक अवस्था को जिम्मेवार बताया। उन्होंने होमियोपैथी चिकित्सा को अपनाने के साथ—साथ अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए आध्यात्मिकता पर जोर दिया। साथ ही योगा, काउंसिलिंग जैसे कुछ टिप्स भी सुझाए।

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