मथुरा। अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा को सुंदर आकर्षक बनाने की कवायद शुरू हो गई। भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को 16 हजार करोड़ खर्च करके संवारा जाएगा।विधानसभा चुनाव से पहले मथुरा के विकास का मुददा उठा था,जिसे सरकार पूरा करने जा रही है। सरकार 84 कोसीय परिक्रमा को सुगम और आर्कषक बनाने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार करने जा रही है।
डीपीआर बनाने का कार्य प्रगति पर
सरकार की मंशा के अनुरूप भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई, द्वारा श्रीराधा-कृष्ण की लीला स्थली में 84 कोसीय परिक्रमा मार्ग के विकास की योजना स्वीकृत की गई है। इसका डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर, बनाने का कार्य प्रगति पर है। योजना की अनुमानित लागत 9000 करोड़ रुपये है। इसी तरह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मथुरा-वृंदावन बाईपास परियोजना को भी मंजूरी प्रदान की गई है। इसका भी डीपीआर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योजना की अनुमानित लागत करीब 6100 करोड़ रुपये है ।
850 करोड़ की लागत से रेल से मथुरा-वृंदावन को जोड़ने की तैयारी चल रही है।देश-विदेश के श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए मथुरा से वृंदावन को जोड़ने वाली 12.8 किमी रेल लाइन का पुनर्विकास किया जाना भी प्रस्तावित है। इसकी अनुमानित लागत 850 करोड़ रुपये है। रेल लैण्ड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा प्री.फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है।
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