मालकिन की सूचना देने रसोइया के घर पहुंचा पालतू कुत्ता तो खुली हत्या की पोल

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The pet dog reached the cook's house to inform the mistress, then the pole of murder was open
रसोइया ने घर का दरवाजा खोला तो घर का नजारा देखकर वह दंग रह गई, सामने घर की मालकिन खून से लथपथ पड़ी हुई थी।

उन्नाव। एक कहावत है इंसान धोखा दे देते है, लेकिन पालतू जानवर अपने मालिक के साथ कभी भी धोखा नहीं देते है, कुछ ऐसी ही कहानी यूपी के उन्नाव जिले से सामने आई है। यहां एक किन्नर ने एक डाॅगी पाल रखी थी, जिसे वह अपनी संतान की तरह देखभाल करती थी, इसका कर्ज छोटे चीकू यानि डाॅगी ने आज निभाया, जब किन्नर के साथियों ने उसकी हत्या करके लूटपाट के बाद फरार हो गए तो डाॅगी किसी तरह घर से निकलकर घर आने वाली रसोइया के घर पहुंची और उसकी साड़ी दबाकर अपने घर लेकर आया। जब रसोइया ने घर का दरवाजा खोला तो घर का नजारा देखकर वह दंग रह गई, सामने घर की मालकिन खून से लथपथ पड़ी हुई थी। रसोइया ने इसकी जानकारी आसपास के लोगों को दी, इसके बाद हत्या और लूट की सूचना पुलिस तक पहुंची।

किन्नर के तीन साथी फरार

यह घटना यूपी के उन्नाव के सफीपुर कस्बे के मोहल्ला बबर अलीखेड़ा में सामने आया। दरअसल किन्नर की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारे लाखों के जेवर, कीमती सामान और मोबाइल फोन लूट ले गए। शनिवार सुबह रसोइया घर पहुंचीं तो घटना का पता चला। किन्नर के साथ रहने वाले तीन साथी फरार हैं। पुलिस सर्विलांस के जरिए उनकी तलाश कर रही है। एसपी का कहना है कि संपत्ति के लालच में हत्या की गई है।

तीन साथियों के रहती थी मुस्कान

कानपुर के बिठूर के गांव अरैर निवासी किन्नर मुस्कान 35 का बबरअलीखेड़ा में मकान है। उसके साथ मुरादाबाद निवासी किन्नर रूबी, मथुरा की सलोनी और झांसी की अन्नू भी रहती थीं। शनिवार सुबह करीब पांच बजे सराय सुबेदार निवासी रसोइया पुष्पा और संतोष मुस्कान के घर पहुंचीं तो देखा कि दरवाजा बाहर से बंद है। किसी तरह दरवाजा खोला तो खून से लथपथ मुस्कान का शव बिस्तर पर पड़ा देखकर उनके होश उड़ गए।

घर में हुई थी लूटपाट

अलमारियों के ताले टूटे और सामान बिखरा था। रसोइयों ने गोंडा निवासी ढोलकिया मनोज बाबा को घटना की जानकारी दी। मनोज की सूचना पर कोतवाल अवनीश कुमार सिंह घटनास्थल पहुंचे।

रसोइया को लेकर गया कुत्ता चीकू

किन्नर मुस्कान ने चीकू कुत्ता पाल रखा था। चीकू को शायद अनहोनी का अहसास हो गया था। वह सुबह करीब साढे़ चार बजे रसोइया पुष्पा के घर पहुंचा। पुष्पा बाहर आई तो वह उसकी साड़ी मुंह में दबाकर किन्नर मुस्कान के घर तक ले गया।

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