मुंबई-बिजनेस डेस्क। गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस की व्यावसायिक इकाई, गोदरेज अप्लायंसेज देश के स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे के निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है। इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए और अपने मेडिकल रेफ्रिजरेशन पोर्टफोलियो को मजबूत करते हुए, गोदरेज अप्लायंसेज ने नई इंसुलीकूल उत्पाद रेंज-गोदरेज इंसुलीकूल और गोदरेज इंसुलीकूल + को लॉन्च किया है। इन नए कूलिंग समाधानों को विशेष रूप से इंसुलिन स्टोरेज के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि अनुशंसित तापमान पर इंसुलिन स्टोरेज के संबंध में मधुमेह रोगियों के सामने आने वाली चुनौती का समाधान किया जा सके।
आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में लगभग 74 मिलियन लोग डायबिटीज (मधुमेह) से पीड़ित हैं। यह मधुमेह रोगियों की दूसरी सर्वाधिक संख्या वाला देश है और वर्ष 2030 तक इसमें 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का अनुमान है। इसमें से, कम से कम 10 प्रतिशत मधुमेह रोगियों को मुँह से ली जाने वाली दवाओं के अलावा इंसुलिन थेरेपी की आवश्यकता होती है। यह भी एक वैज्ञानिक रूप से स्थापित तथ्य है कि इंसुलिन को अपनी प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए हमेशा 2 डिग्री-8 डिग्री सेल्सियस की तापमान सीमा के बीच संरक्षित किया जाना चाहिए। इस सीमा से नीचे या ऊपर किसी भी तापमान पर स्टोर किए जाने के चलते इसकी प्रभावकारिता घट सकती है।
हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर
वर्षों से ब्रांड के नवाचारों के बारे में बताते हुए, गोदरेज एंड बॉयस के कार्यकारी निदेशक, न्यारिका होलकर ने कहा, “हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर आज देश के विकास के प्रमुख स्तंभों में से एक है और हमारा दृढ़ विश्वास है कि अभिनव पेशकशों के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी हमारी वर्तमान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की कई चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकती है और इस प्रकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
हमने अध्ययन किया कि इंसुलिन के लिए उपयुक्त कूलिंग समाधान की कमी के चलते हमारे देश में डायबिटीज के उपचार में कितनी दिक्कत हो रही है। मेडिकल कोल्ड चेन में हमारी विशेषज्ञता ने हमें अभिनव समाधान- गोदरेज इंसुलिन रेंज प्रदान करने में सक्षम बनाया- जो इस समस्या से निपटने और लाखों इंसुलिन निर्भर मधुमेह रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उपयुक्त हल है।
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