लखनऊ। यूपी की राजनीति इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही हैं। एक तरफ बीजेपी मिशन 2024 में जुटी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी सपा बिखराव के दौर से गुजर रहीं। इस संकट से सपा को बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव फिर सक्रिय हो गए है, वह नाराज चल रहे आजम खान को मनाएंगे।
प्रदेश में सपा के मुस्लिम चेहरा आजम खान जेल से बाहर आ चुके हैं। बुरे वक्त में पार्टी के साथ नहीं निभाने की वजह से नाराज चल रहे वरिष्ठ नेता को मनाने के लिए कोशिशें तेज कर दी गई हैं। वहीं सपा के बागी शिवपाल और आजम खान के बीच बढ़ती नजदीकी से अखिलेश यादव की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में खुद पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव आजम खान की नाराजगी को कम करने का प्रयास करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव खुद रामपुर आकर आजम खान से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान उनके साथ अखिलेश यादव भी होंगे। माना जा रहा है कि नेताजी आजम को अपने रिश्तों की दुहाई दे अखिलेश के प्रति ‘मुलायम’ करेंगे। ऐसे में आजम के साथ नए मोर्चे का प्लान तैयार कर रहे शिवपाल यादव की चुनौतियां बढ़ने वाली हैं।
27 माह बाद जेल से बहर आए हैं आजम
शहर विधायक आजम खान सीतापुर जेल से 27 माह बाद रामपुर आ चुके हैं। वह इस वक्त अपने करीबियों से मिल रहे हैं। जेल में रहने के दौरान आजम खान और सपा नेताओं के बीच दूरियां किसी से छुपी नहीं है। अब जेल से छूटने के बाद सियासी समीकरण बिठाने और रूठे आजम को मनाने की सपा में कोशिशें तेज हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव व सपा मुखिया अखिलेश यादव उनसे मिलने किसी भी दिन रामपुर आ सकते हैं। अखिलेश यादव की ओर से शनिवार को बहेड़ी विधायक अताउर्रहमान को आजम के घर भेजा गया है।
शिवपाल के दांव से बढ़ गई है चिंता
असल में विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही अखिलेश यादव को कई मोर्चों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सपा अध्यक्ष के चाचा शिवपाल यादव बगावत का झंडा बुलंद कर चुके हैं। आजम खान के परिवार की ओर से नाराजगी जाहिर करते ही शिवपाल ने उन्हें अपने पाले में लाकर अखिलेश को बड़ा झटका देने का दांव चल दिया।
शिवपाल ना सिर्फ जमानत से पहले आजम से जेल में मिलने पहुंचे, बल्कि जमानत मिलने के बाद भी वह स्वागत को पहुंचे। माना जा रहा है कि आजम खान और शिवपाल साथ मिलकर नया मोर्चा बना सकते हैं।समाजवादी पार्टी की चुनौती इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि आजम खान और शिवपाल यादव एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण को साधने वाले बड़े नेता हैं।आजम जहां इस समय यूपी में मुसलमानों के सबसे बड़े नेता समझे जाते हैं तो शिवपाल की सपा कार्यकर्ताओं पर पकड़ किसी छिपी नहीं है।
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