वाराणसी।Natkotkshetram’s Dharamshala देश-विदेश से हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने और मां गंगा की आरती में शामिल होने के साथ पर्यटन स्थलों की सैर करने आते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और सैलानियों के लिए वैसे तो बड़ी संख्या में होटल और लार्ज है, लेकिन कम पैसे पर अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न राज्यों और सामाजिक संगठन धर्मशाला का निर्माण कर रहे है। इसी क्रम में काशी की सबसे बड़ी धर्मशाला का शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाटकोटक्षेत्रम की धर्मशाला का उद्घाटन किया गया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि इस बार गंगा महोत्सव पीएम के नए भारत की नई काशी आपको और आकर्षित करेगी। यहां दोनों अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर और फीता काटकर नाटकोटक्षेत्रम की धर्मशाला का उद्घाटन किया। इस दौरान पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
काशी में अब भक्ति के साथ विकास भी
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि काशी में अब भक्ति के साथ- साथ विकास भी है। यहां गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना कर भक्ति की धारा को प्रवाहित किया। काशी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास की ओर लगातार बढ़ रहा है। यहां काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद देश- दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भारी मात्रा में बढ़ी है। इनमें तमिलनाडु और दक्षिण भारत के श्रद्धालु काफी मात्रा में हैं। 51 हजार करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का तोहफा काशी को मिला, जिसमें 36 हजार करोड़ की परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। कहा कार्तिक मास में आयोजित होने वाला आज का कार्यक्रम महत्वपूर्ण समारोह हो गया है।
धर्मशाला का उद्घाटन कर अति प्रसन्न हूं
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि 25 साल पहले मैंने जो काशी का दृश्य देखा था, उससे अब जमीन आसमान का फर्क है। ये प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में संभव हुआ। कहा कि नाटकोटक्षेत्रम की धर्मशाला के इस इमारत का उद्घाटन कर मैं अति प्रसन्न हूं। उद्घाटन कार्यक्रम के समापन के बाद उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन पत्नी के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के आगमन पर लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
धर्मशाला की मुख्य विशेषताएं
यह 10 मंजिला ऊंची और 140 वातानुकूलित (AC) कमरों वाली है, जो इसे पूर्वांचल की सबसे बड़ी धर्मशाला बनाती है। यहां 174 कारों की पार्किंग की सुविधा के साथ-साथ श्रद्धालुओं को तीन समय का मुफ्त भोजन भी दिया जाता है। यह धर्मशाला काशी और तमिलनाडु के बीच के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को दर्शाती है
