वाशिंगटन। इस्राइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका की खुली एंट्री हो गई शनिवार रात अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन परमाणु संवर्धन केंद्रों पर हमला करके उन्हें तबाह कर दिया। इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन परमाणु संवर्धन केंद्रों पर हमला किया है Attack on nuclear plants। ट्रंप ने कहा कि इस तरह से हम सीधे-सीधे इस्राइल के उन प्रयासों में शामिल हो गए हैं, जिनके जरिए वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना चाहता है। इस बीच ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष छिड़ सकता है।
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है।
इस हमले के ख़तरनाक नतीजे निकल सकते हैं। जंग फैल सकती है।
यमन ने ऐलान किया है कि वह अमेरिकी जहाजों पर हमले करेगा। pic.twitter.com/keoArr8wr6— Dr. Mukesh Kumar (@mukeshbudharwi) June 22, 2025
अमेरिका के इस युद्ध में हस्तक्षेप के बाद मध्य पूर्व एशिया में इस्राइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष और विकराल होता जा रहा है। अमेरिका द्वारा गुआम में कई बी-2 स्टील्थ बॉम्बर जेट भेजने के बाद उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु स्थलों पर हमलों की पुष्टि की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि रात 10 बजे पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
ट्रंप ने एक्स पर किया पोस्ट
संयुक्त राज्य अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बहुत सफल हमला किया है, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। प्राथमिक स्थल फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर की ओर जा रहे हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि मैं ईरान में हमारे बहुत सफल सैन्य अभियान के बारे में व्हाइट हाउस में रात 10:00 बजे राष्ट्र के नाम एक संबोधन दूंगा। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इस्राइल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए।

बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमान को गुआम भेजा
इस्राइल-ईरान युद्ध में शामिल होकर अमेरिका ने यह कदम तब उठाया है जब अमेरिका ने अपने सबसे घातक लड़ाकू विमान बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमान को गुआम के एंडरसन एयरबेस पर तैनाती के लिए भेजा है। कहा जा रहा है कि इस बम वर्षक का असली ठिकाना हिंद महासागर में स्थित द्वीप डिएगो गार्सिया एयरबेस है, जहां से अमेरिका ने इराक पर हमले किए थे।माना जा रहा है कि ईरान के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले फोर्डो परमाणु स्थल को तबाह करने के लिए इसे भेजा गया है। यह परमाणु स्थल जमीन में करीब 90 मीटर नीचे है, जिसे तबाह करने में बी-2 स्टील्थ बमवर्षक ही सक्षम है।
लंबे समय तक चलेगा संघर्ष
इस बीच, इस्राइल ने कहा है वह ईरान के खिलाफ “लंबे अभियान” के लिए तैयार है क्योंकि वह ईरानी परमाणु और सैन्य स्थलों पर हमले जारी रखे हुए है। वहीं, इस्राइली हमलों से ईरान में मरने वालों की संख्या अब 430 हो गई गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया क्षेत्र में इस्राइली हमलों के कारण 3,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं इस्राइल में, अधिकारियों ने पिछले सप्ताह संघर्ष के बढ़ने के बाद से कम से कम 24 मौतों की सूचना दी है। यह हमला अमेरिका के लिए एक खतरनाक निर्णय है, क्योंकि ईरान पहले ही साफ कर चुका है कि यदि अमेरिका इस्राइली हमले में शामिल हुआ तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह युद्ध में सक्रिय रूप से भागीदार होता तो यह सभी के लिए बहुत-बहुत खतरनाक होगा। साथ ही, ट्रंप के लिए भी यह एक खतरनाक निर्णय है, क्योंकि उन्होंने अमेरिका को विदेशी संघर्षों से दूर रखने के वादे पर व्हाइट हाउस में एंट्री ली थी।
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