लखनऊ। यूपी में 2027 में विधान सभा चुनाव होने है। अभी से सपा, कांग्रेस और बसपा समेत छोटे दल अपनी बिछात बिछाने में लगे हुए है। सपा जहां पीडीए की एकजुटता के दम पर मैदान मारने की फिराक में है तो कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करके कमाल करने की आस लगाए बैठी हैं, वहीं बसपा अपने मूल कैडर को पार्टी से जोड़कर सत्ता की राह देख रहे। वहीं छोटे राजनीतिक दल जो अभी तक किसी न किसी गठबंधन में है, वह भी अपनी जमीन अलग से तैयार करने में जुटे है। इन सबके बीच बीजेपी को सबसे अधिक सपा के पीडीए से खतरा महसूस हो रहा है। इस खतरे को भांपते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ पीडीए ने काट खोज ली है। उन्होंने सभी दलों के महापुरुषों के नाम पर योजनाओं के नाम रखकर सभी वर्गों को बीजेपी से जोड़ने के लिए बिसाद बिछा रहे है।
हिन्दुओं को एकजुट करने की कोशिश
उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए देश की सबसे बड़ी हिंदुत्व की प्रयोगशाला है। बीजेपी ने विपक्ष, खासकर समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को कुंद करने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है। हिंदुत्व के ब्रांड बन चुके योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी अब महापुरुषों के नाम पर योजनाएं, संस्थानों का नामकरण और सम्मान देकर जातियों में बंटे हिंदू समाज को एकजुट करने में जुट गई है। इस रणनीति के तहत बीजेपी न केवल सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा दे रही है, बल्कि विपक्ष के जाति-आधारित समीकरण को तोड़ने की कोशिश भी कर रही है।
सुहेलदेव विजय दिवस
इसी कड़ी में, बीजेपी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) 10 जून को बहराइच में सुहेलदेव राजभर विजय दिवस मनाने जा रही है। इस आयोजन में सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पूरी ताकत झोंक रहे हैं। जिसमें सीएम योगी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे और मंच से हिंदुत्व के एजेंडे को और धार देंगे। 10 जून को महाराजा सुहेलदेव राजभर ने 11वीं शताब्दी में मसूद गाजी को हराकर सनातन संस्कृति की रक्षा की थी, जिसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह आयोजन राजभर समुदाय को एकजुट करने के साथ-साथ बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे को मजबूत करने का एक बड़ा मंच साबित होगा।
महापुरुषों के नाम पर योजनाएं
- डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर योजनाएं: जीरो पावर्टी स्कीम और 17 नगर निगम क्षेत्रों व नोएडा-ग्रेटर नोएडा में डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्रों की स्थापना। इसके अलावा, संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर समाज कल्याण छात्रावास पुनर्निर्माण एवं नवनिर्माण योजना शुरू की गई है।
- लौह पुरुष सरदार पटेल: उनके जन्मदिवस के लिए 75 में से 74 जिलों में प्रत्येक जिला को 50 हजार रुपये और लखनऊ के लिए 5 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। इसके साथ ही, प्रत्येक जनपद में 100 एकड़ पर सार्वजनिक-निजी सहभागिता (PPP) के आधार पर सरदार पटेल जनपदीय आर्थिक क्षेत्र की स्थापना की जाएगी।
- संत कबीर और संत रविदास: राज्य की उपलब्ध भूमि पर PPP मॉडल के तहत 10 संत कबीर वस्त्रोद्योग पार्क और संत रविदास चर्मोद्योग पार्क स्थापित किए जाएंगे।
- चौधरी चरण सिंह: लखनऊ में भारतरत्न चौधरी चरण सिंह के नाम पर सीड पार्क की स्थापना।
- माता शबरी: प्रत्येक कृषि मंडी में माता शबरी के नाम पर कैंटीन और विश्रामालय की स्थापना।
- माता अहिल्याबाई होल्कर: सात जनपदों में श्रमजीवी महिलाओं के लिए माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर हॉस्टल की स्थापना।
पीडीए को चुनौती देने की रणनीति
2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के पीडीए फॉर्मूले ने बीजेपी को कड़ा झटका दिया था, जब सपा ने 37 सीटें जीतीं और बीजेपी 33 सीटों पर सिमट गई थी। इसके बाद से बीजेपी इस फॉर्मूले का तोड़ निकालने में लगी हुई है। पार्टी का मानना है कि हिंदुत्व और सांस्कृतिक गौरव के जरिए हिंदुओं को एकजुट करके सपा के जाति-आधारित समीकरण को कमजोर किया जा सकता है। बीजेपी की यह रणनीति 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न समुदायों को साधने और विपक्ष के वोट बैंक में सेंध लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। निश्चित ही बीजेपी के रणनीतिकारों का यह फैसला सपा की नींद उड़ाएगी। वहीं कांग्रेस की मजबूती सपा को कमजोर करेगी, यदि दोनों ने अहम नहीं छोड़ी तो निश्चित रूप से बीजेपी बाजी मार जाएगी।
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