नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान को अब आतंकियों को पालना -पोषना महंगा पड़ेगा। अभी तक की कार्रवाई से पड़ोसी ने सबक नहीं लिया, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने अब तय कर लिया है कि वह पड़ोसी देश पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के साथ ही भिखारी बनाकर छोड़ेगा। पहले पानी फिर आवागमन बंद करने के बाद अब पाक को दोबारा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डलवाने का प्रयास कर रहा है। इससे पहले अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया गया था। भारत, पाकिस्तान के खिलाफ दो बड़े कदम उठाने पर विचार कर रहा है। पहला है पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल करना। दूसरा है कि भारत IMF द्वारा पाकिस्तान को 7 बिलियन डॉलर के सहयोग पैकेज पर आपत्ति जताना। IMF की फंडिंग के मामले पर भारत ये हवाला दे सकता है कि पाकिस्तान यह पैसा आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर सकता है, इसलिए पाकिस्तान की आर्थिक मदद पर रोक लगाई जाए।
जानिए कैसे मिलती है पाक को फंडिंग
एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए गाइड लाइन बनाती है। एफएटीएफ का उद्देश्य है कि वित्तीय अपराधों को बढ़ावा देने वाले देशों पर नकेल कसा जाए। दरअसल जो देश आतंकी गतिविधि में शामिल लोगों या संस्थाओं को आर्थिक मदद करता है। उन देशों पर कार्रवाई की जाए। इसकी स्थापना 1989 में हुई थी। पेरिस में संस्था का हेडक्वार्टर है। FATF में 40 सदस्य देश शामिल हैं। भारत भी FATF का हिस्सा है। सदस्य देश मिलकर अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारित करते हैं, जिसमें अगर कोई देश नशीली दवाओं की तस्करी, अवैध हथियारों के व्यापार, साइबर धोखाधड़ी या अन्य गंभीर अपराध जैसी गतिविधियों में शामिल है तो उस पर कार्रवाई की जाती है।
संदिग्ध देशों की निगरानी
बता दें यह संगठन उन देशों की निगरानी करता है अपराधी और आतंकवादी किस तरह से धन जुटाते हैं, उसका इस्तेमाल करते हैं, उसे इधर-उधर ले जाते हैं। गौरतलब है कि दुनियाभर में जितने भी अंतरराष्ट्रीय बैंक या मौद्रिक संस्थान है, वो FATF की बात मानते हैं।IMF ने किया है पाकिस्तान को 7 अबर डॉलर देने का समझौता पाकिस्तान FATF का सदस्य नहीं है। 200 से ज्यादा देशों ने FATF की सिफारिशों को मानने का वादा किया है। गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद 23 FATF देशों ने संवेदना प्रकट की है।IMF ने जुलाई 2024 में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर की मदद का समझौता किया है। यह मदद 37 महीनों में दी जाएगी। IMF 6 बार पाकिस्तान के हालात की समीक्षा करेगा। अगली किश्त उसे मिलने वाली है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर रहा है।पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में लाने के लिए जल्द ही नामांकन प्रक्रिया शुरू करेगा। FATF का सत्र साल में तीन बार, फरवरी, जून और अक्टूबर में होता है। लिहाजा पाकिस्तान के खिलाफ भारत सबूत इकट्ठा कर रहा है।
ग्रे और ब्लैक लिस्ट में अंतर
ग्रे लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है जो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के मामलों की तरफ बढ़ रहा हो। इस लिस्ट में शामिल देशों को चेतावनी दी जाती है कि वो समय रहते देश के हालात को संभाल लें। अगर किसी भी देश का एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है तो उस देश को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो जाती है। ब्लैक लिस्ट में शामिल देश को किसी भी संस्था से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है।इससे उस देश की अर्थव्यवस्था तबाह होती जाती है।
इसे भी पढ़ें…