नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सरकार चुनने के लिए मतदान से चार दिन पहले आप के चार विधायकों ने पार्टी से देने के बाद झाड़ू से नाता तोड़ते हुए कमल थामकर भगवा दल में शामिल हो गए। यह आठों विधायक अपने क्षेत्र में काफी मजबूत माने जाते है, क्योंकि इनमें से कई तो लगातार तीसरी बार विधायक है। ऐसे में इनकी पकड़ तो इतनी तो जरूर होगी कि यह लोग 20 प्रतिशत मतदाताओं को आप से तोड़कर भाजपा की ओर कर सके। अब यह कितना प्रभाव डालेंगे यह तो आठ फरवरी को आने वाले नतीजे ही बताएंगे। फिर भी आप नेताओं की धड़कने काफी बढ़ गई है।
यह लोग हुए भाजपा में शामिल
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले पालम से दो बार से मौजूदा विधायक भावना गौड़, कस्तूरबा नगर से तीन बार से विधायक रहे मदन लाल, मादीपुर से तीन बार के विधायक गिरीश सोनी, जनकपुरी से दो बार के विधायक चुने गए राजेश ऋषि, बिजवासन से विधायक भूपेंद्र जून, महरौली से दो बार के विधायक नरेश यादव, आदर्श से दो बार के विधायक रहे पवन शर्मा, त्रिलोकपुरी से युवा विधायक रोहित मेहरौलिया शामिल हैं। इसके अलावा खादी बोर्ड के चेयरमैन और राजेंद्र नगर से पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग, निगम पार्षद अजय राय, पालम विधानसभा के अध्यक्ष संदीप चौधरी अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए।
टिकट कटने पर बगावत
बता दे कि जिन विधायकों का आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने टिकट काटा है वह सभी बगावती तेवर अख्तियार करते हुए भाजपा में शामिल हो गए है। मंच से उन्होंने आप प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव प्रचार में भी उतरने का वादा करते हुए भाजपा के पक्ष में प्रचार करने का एलान किया। प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी बैजयंत जय पांडा व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की उपस्थिति में सभी नेता शामिल हुए। पांडा ने कहा कि अब दिल्ली की बारी आप-दा से मुक्त होने की है। पिछले 12 सालों से झूठे वायदे करके केजरीवाल ने दिल्ली वालों को ठगा है। भरोसो का गला घोंटा गया है।
आप पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
पार्टी से इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायकों के त्यागपत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया है, सभी ने पार्टी पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल का कहना था कि उन्होंने छह अन्य विधायकों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
साथ ही विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को अपने त्यागपत्र भी भेज दिए हैं। मदन लाल के अलावा इस्तीफा देने वाले आप विधायकों में भावना गौर (पालम), नरेश यादव (महरौली), रोहित महरौलिया (त्रिलोकपुरी), पवन शर्मा (आदर्श नगर), बीएस जून (बिजवासन) और राजेश ऋषि (जनकपुरी), गिरीश सोनी (मादीपुर) शामिल हैं। इनका दावा है कि पार्टी और उसके नेताओं ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। जबकि वे वर्षों से ईमानदारी से काम कर रहे हैं।
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