शांति से सर्वे करने पहुंची टीम पर पत्थरबाजी, पांच की मौत, अब हिंसा करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

संभल। यूपी के संभल शहर में शांति से मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम के साथ हिंसा करने वाले किसी के उकसावे पर पत्थरबाजी और धक्का-मुक्की की ऐसा सरकार का मानना है, अब ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। प्रशासन अब उस तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है,जिसके बहकावे में आकर भीड़ ने आक्रामक कदम उठाया और गोलीबारी की,जिसमें पांच लोगों की जान चली गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि मरने वाले पुलिस की गोली का शिकार नहीं हुए है। गोली भीड़ से ही किसी ने चलाई है।

पुलिस के वाहनों को जलाया

अधि​कारियों का कहना है कि दंगाईयों ने पुलिस के वाहनों को चुन- चुनकर जलाया है, जबकि वहां पास में खड़े वाहनों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। अंदेशा है कि सपा ने उपचुनाव में हार का बदला लेने के लिए लोगों को उकसाया कि पुलिस ने उन्हें फर्जी मतदान नहीं करने दिया, इसलिए पुलिस से बदला लिया जाए। सूत्रों के अनुसार पुलिस के आठ वाहनों को जलाया गया, है पत्थरबाजी में बीस से ज्यादा पुलिस कर्मी और अधिकारी घायल हुए है। हालांकि अब प्रशासन ने हालात को काबू में करते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी है।

प्रमुख चौराहों समेत अन्य स्थानों पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है। सर्वे टीम कोर्ट कमिश्नर चंदौसी के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश सिंह राघव की अगुवाई में आई थी। संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी टीम के साथ थे। बाहर हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाकर हिंसक लोगों को दौड़ाया।

दो की मौत गोली से हुई

हिंसा का शिकार युवकों के परिजनों ने पुलिस की गोली से मौत होने की बात कही है। दूसरी ओर मौके पर पहुंचे कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि तीन युवकों में दो की मौत गोली लगने से हुई है, लेकिन पुलिस ने गोली नहीं चलाई थी। तीसरे युवक की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। कमिश्नर के मुताबिक घायलों में डीआईजी, संभल के डीएम, एसपी और एसडीएम भी शामिल हैं।

दंगे की पहले से थी तैयारी

कमिश्नर आंजनेय सिंह ने कहा, सर्वे का काम शांतिपूर्वक चल रहा था। विवाद तब शुरू हुआ, जब लोगों का एक समूह वहां अचानक जमा हुआ और नारेबाजी शुरू कर दी। अधिकारियों ने भीड़ को समझाने की कोशिश भी कि सर्वे सुबह में इसलिए किया जा रहा है ताकि दिन में नमाज के समय लोगों को परेशानी न हो, पर लोग संतुष्ट नहीं हुए। पुलिस ने इलाके को खाली कराने का प्रयास किया तो पथराव शुरू कर दिया गया। लोग शायद शांति को भंग करने के लिए पहले से तैयार होकर आए थे।

यह है विवाद

हिंदू पक्ष ने संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में संभल की जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दावा पेश किया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले बना था, जबकि मस्जिद मुगलकाल में मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद टीले पर बनी है। किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई है। 19 नवंबर को हिंदू पक्ष द्वारा दावा पेश करने के दिन ही न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। उसी दिन कोर्ट कमिश्नर ने मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया था।

करीब दो घंटे तक वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी। कोर्ट कमिश्नर 29 नवंबर को न्यायालय में रिपोर्ट पेश करेंगे। सर्वे के बाद से जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया था, जिससे शांतिपूर्वक नमाज अदा हुई। रविवार की सुबह कोर्ट कमिश्नर दोबारा सर्वे करने पहुंचे तो बवाल शुरू हो गया।

इसे भी पढ़ें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

TV actress Chahat’s house seized Tejasswi Prakash is dating Karan who is 9 …. Dhanashree’s song became a hit after divorce Know who is Ranya Rao who has been caught in gold smuggling Janhvi Kapoor ready to sizzle