गजब: महिला चपरासी से 45 साल तक 15 रुपये वेतन पर कराया काम, हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

50
Amazing: Female peon was made to work on salary of Rs 15 for 45 years, High Court made strict comment
न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने बांदा जिले की भगोनिया देवी की 14 साल से लंबित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

प्रयागराज। इतनी महंगाई के बावजूद क्या यह संभव है कि किसी से 45 साल तक 15 रुपये वेतन पर काम कराया जा सकता हैं। जी हां ऐसा ही हुआ है,यहां यूपी के बांदा जिले में हुआ है। यहां शिक्षा विभाग में एक महिला चपरासी से 45 साल तक 15 रुपये महीने पर काम लिया गया। हालांकि उसके दो बार वेतन बढ़े, लेकिन उसे नहीं मिला। महिला ने ​उचित पारिश्रमिक दिलाने के लिए हाईकोर्ट ने सख्त टिप्प्णी की। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने बांदा जिले की भगोनिया देवी की 14 साल से लंबित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

वेतन का अनुमोदन नहीं हुआ

बता दें कि महिला को 1971 में बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित कन्या जूनियर हाईस्कूल में 15 रुपये वेतन पर सेविका के रूप में नियुक्त की गईं थीं। 1981 में उन्हें पूर्णकालिक चपरासी के रूप में प्रोन्नति देते हुए वेतन 165 रुपये निर्धारित हुआ। लेकिन, यह उन्हें दिया नहीं गया। इसके खिलाफ उन्होंने 1985 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी बांदा को वेतन संबंधी मांग निस्तारित करने का निर्देश दिया। बीएसए ने 165 रुपये वेतन देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनकी सेवाओं और वेतन का अनुमोदन नहीं हुआ है। यह नियुक्ति अनियमित है। फिर, 1996 में उनकी पूर्णकालिक सेवा समाप्त कर दी गई। हालांकि, वह 2016 तक काम करतीं रहीं।

कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

2010 में महिला निर्धारित वेतन की मांग को लेकर फिर हाईकोर्ट आईं। वर्ष 2016 में वह सेवानिवृत हो गईं, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने बढ़े वेतन का भुगतान नहीं किया। 35 साल की पूर्णकालिक सेवा के बावजूद मात्र 15 रुपये प्रतिमाह वेतन ही मिलता रहा। कोर्ट ने कहा कि पूर्णकालिक नियुक्ति रद्द करने के आदेश को याची ने चुनौती नहीं दी, लेकिन इसमें कोई विवाद नहीं है कि वह लंबे समय तक पूर्णकालिक चपरासी के रूप में काम करती रही हैं। लिहाजा, याची को पूर्णकालिक चपरासी के रूप में नियुक्त करने का आदेश लागू मानने योग्य है।

कोर्ट ने याची की पूर्णकालिक नियुक्ति की तारीख से 165 रुपये की दर से 35 साल की सेवा के लिए 69,300 रुपये अदा करने का आदेश दिया। साथ ही, दो बार कोर्ट आने के लिए विवश करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाते हुए याची को भुगतान करने का आदेश दिया है।

इसे भी पढ़ें…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here