ऑनलाइन गेम में किशोर ने गंवाए पचास हजार तो मौत को लगाया गले, इकलौते बेटे की मौत से परिजन हुए बेहाल

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Kishore lost Rs 50,000 in online game and then embraced death, family distressed due to death of only son
घर से लापता 17 वर्षीय किशोर का शव रविवार को नहर में फंसा मिला तो परिजनों की आखिरी उम्मीद भी टूट गई।

कानपुर। युवाओं की जिंदगी पर ऑनलाइन गेम की लत भारी पड़ रही है। क्योंकि जालसाज ऑनलाइन गेम के जरिए आपके मोबाइल के एक्सेस तक पहुंचकर आपके खाते से बड़ी आसानी से रुपये उड़ा लेते है, इसकी भनक लगते ही लोगों के होष उड़ रहे है। इसी की लत के चलते कानपुर के युवक जिंदगी की जंग हार गया। दरअसल ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान उसके पिता के खााते से पचास हजार जालसाजों ने निकाल लिए, इसके बाद टेंशन में आकर किशोर ने नहर में छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। घर से लापता 17 वर्षीय किशोर का शव रविवार को नहर में फंसा मिला तो परिजनों की आखिरी उम्मीद भी टूट गई। घर के इकलौते चिराग के बूझने से माता—पिता का रो—रोकर बुरा हाल हो गया।

पत्र लिखकर गायब हुआ था किशोर

कानपुर के गोविंदनगर थाना क्षेत्र के दादानगर निवासी नितेश कुमार परिवार के इकलौते बेटे नितिन (17) को ऑनलाइन गेम खेलने की लत थी। पिता के मोबाइल से ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान उसने उनके खाते से 50 हजार रुपये कट गए थे। इसी टेंशन में वह 15 जनवरी की शाम को वह लापता हो गया। पुलिस को घर से नितिन का लिखा एक पत्र मिला, जिसमें उसने घर के सभी सदस्यों से माफी मांगी थी। बहनों से अपना और मां व पिता का खयाल रखने के लिए कहा था। पिता के 50 हजार रुपये गंवाने व अपनी ही नजरों में गिरने की बात लिखी थी।

शव फूला होने के कारण नहीं हो सकी पहचान

नितिन की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन कहीं सुराग नहीं मिला। रविवार को पुलिस को दादानगर नहर में एक शव मिला, जिसे मोर्चरी भेजा गया था। परिजन रविवार शाम को भी पहचान के लिए मोर्चरी गए थे, लेकिन अंधेरा और शव फूला होने के कारण पहचान नहीं कर सके थे।

सोमवार को मोर्चरी पहुंचे पिता को फिर से शव दिखाया गया, तो उसके गले में पड़ी रुद्राक्ष की माला के जरिये शिनाख्त कर ली। नितिन के शव की शिनाख्त होते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने बताया कि नितिन पूर्व में भी ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान रुपये हार गया था। उस वक्त पिता ने उसकी आदत सुधारने के लिए उससे कुछ दिनों तक बात नहीं की थी। बाद में उसे समझाकर माफ कर दिया था।

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