इंडिया गठबंधन पर खतरा: यूपी में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में कांग्रेस

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Big blow to Congress: Congress leader Gaurav Vallabh left the support, cited anti-Hindu statement as the reason.
मैं न तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और न ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता।

लखनऊ। बिहार के मुख्यमंत्री नी​तीश कुमार ​की विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की शुरू की गई कवायद धूमिल होती नजर आ रही हैं। अगर पांच राज्यों के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आए तो यह संभव है कि कांग्रेस फिर किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी। क्योंकि जिस तरह से कांग्रेस नेताओं के बयान आ रहे है, और उनकी जमीनी स्तर की तैयारी यूपी समेत कई राज्यों में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की है।

अभी तक इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को सबसे ताकतवर माना जा रहा था,लेकिन लोग राहुल गांधी को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे, लेकिन हिमाचल प्रदेश के चुनाव में मिली सफलता और पांच राज्यों में मिल रहे समर्थन में एक बार फिर कांग्रेसी राहुल को पीएम के रूप देखने लगे है, इसलिए वह किसी ऐसे दल के दबाव में नहीं आते नजर आ रहे है, जो सीट को कांग्रेस से सौदबाजी कर रहे है। यूपी अध्यक्ष अजय के कमान संभालने के बाद पार्टी में काफी सक्रियता बढ़ी हैं। अब कांग्रेस से कई पूर्व सांसद जुड़ते नजर आ रहे है।

उत्तराखंड की हार से बढ़ी बेचैनी

सपा की वजह से कांग्रेस को उत्तराखंड में हुए उपचुनाव में हार झेलनी पड़ी, क्योंकि सपा ने बिना जनाधार के बागेश्वर धाम से प्रत्याशी उतार दिया,जबकि यूपी के उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा का साथ दिया, इसके बाद एमपी में हो रहे विधानसभा चुनाव में सपा औकात से ज्यादा सीट मांग रही थी, जिसे कांग्रेस ने नहीं माना और सपा प्रमुख ने नाराज होकर अब पचास सीटों पर सपा के प्रत्याशी उतार दिए। अगर सपा की वजह से वोट बंटवारा हुआ और कांग्रेस के अनुकूल नतीजे नहीं आए तो दोनों दलों के लिए एक गठबंधन में रहना मुश्किल होगा।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा और बसपा के सांसद व पूर्व सांसद कांग्रेस का हाथ थामने की तैयारी में है। कांग्रेस आला कमान से दोनों दलों के एक-एक सांसद की पहली दौर की बातचीत भी हो चुकी है। ये दोनों सांसद अपने-अपने दलों के अन्य नेताओं से मशविरा कर रहे हैं। इनके जरिए कांग्रेस पश्चिम से पूरब तक नया समीकरण तैयार कर अपनी वोटबैंक की गठरी भारी करने में जुटी है।

कई पाला बदलने के फेर में

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सपा और बसपा के एक-एक सांसद और कई पूर्व सांसद कांग्रेस हाईकमान के संपर्क में हैं। दोनों दलों के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेताओं की एक दौर की बातचीत भी हो चुकी है। वे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदलने की तैयारी में हैं। इन नेताओं के जरिये कांग्रेस न सिर्फ लोकसभा चुनाव, बल्कि भविष्य की सियासत भी साधना चाहती है।

कांग्रेस पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इमरान मसूद, पूर्व मंत्री कोकब हमीद के बेटे अहमद हमीद और फिरोज आफताब जैसे नेताओं को अपने पाले में कर पहले ही अल्पसंख्यकों को जोड़ने का संदेश दे चुकी है। इससे पहले भी सपा और बसपा के कई अल्पसंख्यक नेता कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं। वहीं आजम खान से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मुलाकात करके सांतवना दे चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि सपा-बसपा ही नहीं भाजपा के भी कई सांसद व पूर्व सांसद संपर्क में हैं।

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