बिजनेस डेस्क। भारत के ऊर्जा परिवर्तन (एनर्जी ट्रांज़ीशन) क्षेत्र में उल्लेखनीय उपस्थिति वाले अग्रणी व्यावसायिक उद्यम, अवादा ग्रुपने आरईसी लिमिटेड के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। अवादा ग्रुप ने इस भागीदारी को ओड़िशा (भारत)में अपनी ऊर्जा परिवर्तन परियोजनाओं के वित्तपोषण से जोड़ा है। ओड़िशा सरकार के उद्योग विभाग के प्रधान सचिव (प्रिंसिपल सेक्रेटरी), श्री हेमन्त कुमार शर्मा, की उपस्थिति में, भुवनेश्वर में,15,000 करोड़ रुपये (150 अरब रुपये) कुल सहमत राशि वालेइस समझौते परहस्ताक्षर किया गया।यह भागीदारी, हरित ऊर्जा अपनाने की प्रक्रिया (ट्रांज़ीशन) को तेज़ करने और भारत की खुद को ग्रीन हाइड्रोजन तथा इसके डेरिवेटिव के विनिर्माण के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की आकांक्षाओं का समर्थन करने पर केंद्रित है।
ऊर्जा क्षेत्र में निवेश
वहनीय ऊर्जा की बढ़ती मांग के मद्देनज़र ओड़िशा ने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कई पहलें शुरू की हैं जो तेज़ डीकार्बोनाइज़ेशन पर केंद्रित हैं।अवादा ग्रुप के चेयरमैन, विनीत मित्तल ने इस भागीदारी पर अपनी टिप्पणी मेंकहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने आरईसी लिमिटेड के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जो 2070 तक नेट ज़ीरो हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता को दृढ़ करने की दिशा में हमारा महत्वपूर्ण कदम होगा। हम नवीकरणीय ऊर्जा और ग्रीन मॉलेक्यूलबिज़नेस ट्रांज़ैक्शन और उल्लेखनीय पहलों को सुविधा प्रदान के लिए ओड़िशा सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं और इन पहलों की वजह से यह वहनीय विकास के लिए एक आदर्श गंतव्य बन जाताहै।
नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना
इस उद्यम के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, इस विश्वास से पैदा हुई कि हरित ऊर्जा को अपनाना न केवल हमारे भविष्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह दुनिया में सकारात्मक बदलाव के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक भी है। यह भागीदारी हमें ओड़िशा में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण जारी रखने में मदद करेगी, जो न केवल राज्य के वहनीय विकास में योगदान करेंगी बल्कि भारत और विश्व स्तर पर हमारे नवीकरणीय ऊर्जा पदचिह्न को भी मज़बूत करेंगी।
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