सोनभद्र। एक मजबूर मां की दिल दहलाने वाले कहानी सामने आई,उसने पहले अपने कलेजे के टूकड़े का गला ब्लेड से काट दिया, इसके बाद अपनी जान देने के लिए फंदे से झूल गई, लेकिन आहट होने पर पड़ोसियों ने उसे बचा लिया। दरअसल यह महिला घर में रोज— रोज होने वाली लड़ाई— झगड़े से तंग आ चुकी थी, इसलिए उसने बच्चे के साथ जान देने की कोशिश की, हालांकि बच्चे के रोने पर पहुंचे पड़ोसियों ने दोनों को इलाज के लिए सीएचसी पहुंचाया जहां दोनों की हालत अभी खतरे से बाहर है।
घर में हुआ था विवाद
पड़ोसियों ने बताया कि सोमवार की रात किसी बात को लेकर घर में महुली गांव निवासी सुरेश और उसकी पत्नी गीता में विवाद हो गया। इससे नाराज गीता ने गुस्से में आकर अपने आठ माह के मासूम बेटे अंकुश के गले पर ब्लेड से काट दिया। घर के भीतर तेज आवाज में मासूम बच्चे के रोने की आवाज सुनाई देने पर पड़ोसी उस ओर दौड़े, मगर दरवाजा अंदर से बंद था। छत फांदकर वहां पहुंचे तो मासूम बच्चे को छोड़कर मां गीता खुद फंदे से लटककर आत्महत्या करने लगी।
ग्रामीणों ने दोनों मां-बेटे को किसी तरह से बचाकर सीएचसी दुद्धी में पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन दोनों की जान बचा ली। चिकित्सक डॉ विनोद सिंह ने बताया कि आठ माह के मासूम अंकुश के गले में सामने से ब्लेड से काटा गया है, लेकिन वह खतरे से बाहर है। उसका उपचार किया जा रहा है। बच्चे की मां गीता को कुछ भी नहीं हुआ है।
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