लखनऊ। एनडीए को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों ने इंडिया गठबंधन बनाया है। इस गठबंधन से यूपी की तीसरे नंबर की पार्टी बसपा अभी दूर थी, जिसे गठबंधन में लाने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी कवायद में जुटी हैं, इसी क्रम में प्रियंका ने बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की। कयास लगाए जा रहे है कि बसपा जल्द ही गठबंधन में आने की आधिकारिक घोषणा कर सकती है। वैसे बसपा अभी तक अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी है।
इस बार लोकसभा चुनाव जीतने के लिए इंडिया गठबंधन कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता। बसपा को साथ लाने की कोशिशें उसकी इसी रणनीति का हिस्सा है। यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बसपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था। तब यह बातचीत अपने मुकाम तक तो नहीं पहुंच सकी थी, लेकिन तब से दोनों के बीच संवाद बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच मुलाकात भी हो चुकी है। बसपा की ओर से अब नेतृत्व के पारिवारिक हो चुके एक पूर्व सांसद की भी इसमें अहम भूमिका बताई जा रही है।
सपा को लगेगा झटका
अभी तक दलित वोट बैंक को अपने से जोड़ने के लिए कांग्रेस के साथ ही सपा जुटी हुई हैं ऐसे में बसपा के गठबंधन में शामिल होने के बाद सीटों के बंटवारे को लेकर और माथा पच्ची करनी हो सकती हैं, सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव अभी तक कांग्रेस को दस सीटे देने के मूड में दिखाई दे रहे हैं, बसपा बीस से अधिक सीटों पर मैदान में उतरने की शर्त पर ही शामिल हो सकती है। बता दे कि इस समय बसपा के दस सांसद है ऐसे में वह दस के अलावा दस और सीटे मांग सकती है।
बसपा में कांग्रेस की ज्यादा रूचि
इस सारी कवायद में एक पहलू यह भी है कि क्या इंडिया में बसपा के आने से सपा सहज रहेगी। कांग्रेस नेतृत्व, यूपी में बसपा को साथ लाने में ज्यादा रुचि ले रहा है। इसकी वजह है कि बसपा के पास अभी भी अपना ठोस 10-12 फीसदी वोट बैंक है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का बागेश्वर (उत्तराखंड) विधानसभा सीट को लेकर सपा के खिलाफ दिया गया बयान भी इसी कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि अजय राय ने यह बयान हाईकमान से इशारा मिलने के बाद ही दिया।
इसे भी पढ़ें…