बेटी को न्याय दिलाने के लिए माता-पिता ने जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला, सीबीआई जांच की मांग

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To get justice for the daughter, the parents took out a foot march to the District Magistrate's office, demanding a CBI inquiry
जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला।जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर प्रकरण की जांच आजमगढ़ पुलिस से ही कराए जाने की मांग की।

आजमगढ़। शिक्षकों की प्रताड़ना से तंग होकर आत्महत्या करने वाली बेटी के माता —पिता सिस्टम की कार्यप्रणाली से काफी दुखी हैं, वह आरोपी शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे है। वहीं आजमगढ़ स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल प्रधानाचार्य व क्लास टीचर जमानत पर जेल से बाहर आ गए। सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर छात्रा के माता-पिता ने शनिवार को अन्य लोगों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला।जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर प्रकरण की जांच आजमगढ़ पुलिस से ही कराए जाने की मांग की।

छात्रा के माता-पिता ने मीडिया के सामने रोते हुए बोले कि मेरी बेटी तो लौटकर नहीं आएगी लेकिन हम न्याय चाहते हैं। मां ने कहा कि आजमगढ़ पुलिस की विवेचना में ऐसी क्या गड़बड़ी थी कि मऊ पुलिस ने उसे सिरे से खारिज कर दिया और गिरफ्तार प्रधानाचार्या और क्लास टीचर को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दिया। वहीं पिता ने प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग भी की।

तीसरी मंजिल से गिरी थी छात्रा

बता दे कि 31 जुलाई को चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में कक्षा 11 में पढ़ने वाली छात्रा श्रेया की तीसरी मंजिल से संदिग्धावस्था में गिरकर मौत हो गई थी। विद्यालय प्रशासन घंटों परिजनों को बरगलाता रहा और काफी देर से परिजनों को सूचित किया। पुलिस को भी समय से सूचना नहीं दी गई। सारे साक्ष्य पर पानी डाल कर साफ करने के बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गई थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

उसी दिन देर शाम पुलिस ने हत्या की धारा में मुकदमा भी दर्ज किया। तीन अगस्त को प्रधानाचार्या सोनम मिश्रा व कक्षाध्यापक अभिषेक राय को गिरफ्तार भी कर लिया। यह अलग बात है कि विवेचना में हत्या की पुष्टि न होने पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा में दोनों की गिरफ्तारी हुई। इस बीच आठ अगस्त को प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अपने-अपने स्कूल को बंद कर प्रधानाचार्या व शिक्षक की गिरफ्तारी का विरोध किया। वहीं आईजी ने जनपद पुलिस से घटना की विवेचना लेकर सीओ सिटी मऊ को जांच दे दी।

सीओ सिटी मऊ की विवेचना पर सवाल

सीओ सिटी मऊ ने मात्र 24 घंटे में ही अपनी विवेचना पूरी करते हुए कोर्ट में 164 में अपनी रिपोर्ट देते हुए गिरफ्तार प्रधानाचार्या व शिक्षक को इस घटना में दोषी पाए जाने से इंकार कर दिया। जिस पर कोर्ट ने नौ अगस्त की देर शाम ही दोनों के रिहाई आदेश जारी कर दिए। इसके कुछ घंटे बाद ही नियम के विपरित रात में ही दोनों को जेल प्रशासन ने रिहा भी कर दिया। बच्ची की शुक्रवार को तेरहवीं थी। जिसके चलते परिजन भी विरोध नहीं कर पाए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शनिवार को छात्रा के माता-पिता के नेतृत्व में अभिभावक फिर से सड़क पर उतरे। जिलाधिकारी को पत्रक सौंपकर सीओ सिटी मऊ की विवेचना को सिरे से खारिज करते हुए आजमगढ़ पुलिस छात्रा के पिता ने कहा कि बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता ने भी कमर कस लिया है। आईजी जोन के निर्देश पर आजमगढ़ पुलिस से विवेचना मऊ पुलिस को सौंपे जाना पूरी तरह से गलत है। आजमगढ़ पुलिस की विवेचना पर हमें पूरा भरोसा था। जांच सही दिखा में चल रही थी। ऐसे में मऊ पुलिस को विवेचना देकर जांच को भटकाने का काम किया गया है। अब मैं हाईकोर्ट में गुहार लगाने के साथ ही शासन-प्रशासन से प्रकरण की सीबीआई जांच की भी मांग करता हूं।

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