बिजनेस डेस्क। गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस ने घोषणा की है कि इसकी इकाई गोदरेज प्रोसेस इक्विपमेंट ने सरकार के अपेक्षाकृत अधिक वहनीय ऊर्जा उत्पादन पर ज़ोर के अनुरूप, वित्त वर्ष 2029 तक ग्रीन हाइड्रोजन में अपने प्रोसेस इक्विपमेंट की हिस्सेदारी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। ग्रीन हाइड्रोजन को अपनाने में, तेज़ी लाने और नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने, अधिक वहनीय तथा पर्यावरण-अनुकूल अर्थव्यवस्था तैयार करने की दिशा में बढ़ती भारत की प्रतिबद्धता ने, इस क्षेत्र में, कंपनी की महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाया है।
ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन
पिछले कुछ साल में, भारत ग्रीन हाइड्रोजन के प्रति वैश्विक रुझान के मामले में एक प्रमुख केंद्र बन कर उभरा है। देश के राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का लक्ष्य है, 2030 तक सालाना कम से कम 50 लाख टन तक की ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करना। इस दृष्टिकोण के अनुरूप, गोदरेज प्रोसेस इक्विपमेंट, संबंधित परियोजनाओं और रणनीतिक निवेश के ज़रिये ग्रीन हाइड्रोजन क्रांति में मदद करने के लिए अपनी क्षमताओं और विशेषज्ञता का लाभ उठा रही है। कंपनी ब्लू हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए वैश्विक स्तर पर उपकरणों की सफलतापूर्वक आपूर्ति कर चुकी है और उसे मध्य-पूर्व में ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना के लिए क्रिटिकल हीट एक्सचेंजर्स की आपूर्ति के लिए ऑर्डर मिल चुके हैं।
स्वच्छ भविष्य की दिशा में कदम
गोदरेज प्रोसेस इक्विपमेंट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कारोबार प्रमुख, हुसैन शरियार ने कहा, “ग्रीन हाइड्रोजन अपनाने में मदद कर और नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के देश के दृष्टिकोण में योगदान देकर, हरित एवं स्वच्छ भविष्य की दिशा में भारत के महत्वाकांक्षी सफ़र का अंग बनने पर हमें गर्व है। हमने गुजरात में अपने दाहेज संयंत्र की बेहतरी, विशेष रूप से हाइड्रोजन स्वच्छ ऊर्जा और बिजली क्षेत्रों में विशेष और बड़े उपकरणों की डिलीवरी के लिए 300 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हम हरित ऊर्जा क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए भारत और विश्व स्तर पर कई और कंपनियों के साथ साझेदारी करने की उम्मीद है।
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