मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति प्रयोगशाला की नर्सरी बन गई है। हर छह महीने में कुछ न कुछ होता रहता है। एनडीए को हराने के लिए विपक्ष के साथ तालमेल बैठा रहे शरद पवार की पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। अजीत पवार ने एनडीए में शामिल होने से उनकी पार्टी में फूट पड़ गई है। राकांपा नेता अजित पवार ने रविवार को ही अपने आवास पर पहले पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और फिर सीधे राजभवन पहुंच गए। अजित यहां महाराष्ट्र के सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस की मौजूदगी में एनडीए में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को 40 NCP विधायकों और NCP के 6 एमएलसी का समर्थन प्राप्त है।
इन मंत्रियों ने ली शपथ
अजित पवार के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन पहुंचे थे। अजित पवार के शपथ लेने के साथ ही महाराष्ट्र में अब दो डिप्टी सीएम हो गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र कैबिनेट में राकांपा के नौ विधायक भी मंत्री के तौर पर शामिल किए गए हैं। इनमें छगन भुजबल से लेकर दिलीप वलसे पाटिल तक शामिल हैं। इसके अलावा जिन नेताओं को मंत्रीपद मिला, उनमें हसन मुश्रिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तत्करे, अनिल भाईदास पाटिल, बाबूराव अतराम और संजय बंसोडे शामिल हैं।
शरद पवार घर से निकले
महाराष्ट्र में हुए इस सियासी उलटफेर के बीच शरद पवार अपने पुणे स्थित घर से निकले हैं। गौरतलब है कि शरद पवार ने पहले ही अजित पवार की ओर से उनके आवास पर राकांपा की बैठक बुलाए जाने की जानकारी से इनकार किया था। गौरतलब है कि राकांपा में इस टूट का सीधा असर शरद पवार के नेतृत्व पर पड़ सकता है। दरअसल, राकांपा के पास कुल 53 विधायक हैं, जिनमें 40 विधायकों की ओर से अजित पवार को समर्थन मिलने की बात कही गई है। ऐसे में भाजपा-शिवसेना को टक्कर देने वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को भी बड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं अगर अजित पवार राकांपा पर दावा ठोक देते हैं, तो पार्टी के अस्तित्व पर भी संकट आ सकता है।
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