मुंबई। 2024 लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां अपने- अपने पत्ते सेट कर रहे हैं। इसी क्रम में महाराष्ट्र में फिर एक बार पावर को लेकर पवार परिवार में घमासन होता नजर आ रहा है। राजनीति के माहिर खिलाड़ी शरद पवार ने एक तीर से दो शिकार किए हैं। शनिवार को उन्होंने बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। पवार ने यह ऐलान पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर किया। जिस वक्त शरद पवार मंच से बेटी और प्रफुल्ल को आगे कर रहे थे, भतीजे अजित पवार वहीं पर थे।
पिछले महीने शरद पवार ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। इसके बाद कई पदाधिकारियों के इस्तीफे होने लगे थे। इसके बाद पार्टी ने पवार की पेशकश पर एक पैनल बनाया और उस पैनल ने इस्तीफा खारिज करते हुए पद पर बने रहने की अपील की थी। अब पवार ने अपना काम सीनियर नेताओं में बांट दिया है। अजित पवार के जिम्मे महाराष्ट्र रहेगा। बाकी जगह की राजनीति सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल संभालेंगे। शरद पवार मार्गदर्शक और संकटमोचक की भूमिका में बने रह सकते हैं। वह अब 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी मोर्चा खड़ा करने के मिशन में लग सकते हैं।
प्रफुल्ल और सुप्रिया का प्रमोशन क्यों
पार्टी के सीनियर नेता छगन भुजबल ने शरद पवार के फैसले के पीछे का लॉजिक समझाया। उन्होंने कहा कि सुप्रिया और प्रफुल्ल को कार्यकारी अध्यक्ष इसलिए बनाया है ताकि चुनावी काम और राज्यसभा व लोकसभा का काम बांटा जा सके। भुजबल ने कहा, ‘उनके कंधों पर और जिम्मेदारियां लादी गई हैं क्योंकि चुनाव नजदीक हैं। ऐसा 2024 लोकसभा चुनाव के काम को हैंडल करने के लिए किया गया है।’ शरद पवार के ताजा फैसले पर अजित पवार ने ट्वीट कर नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी।
इसलिए अजित को नहीं मिला पद
पिछले महीने महाराष्ट्र में घटा सियासी घटनाक्रम याद कीजिए। जब शरद पवार ने इस्तीफे का दांव चला तो पूरी पार्टी दंग रह गई। उससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय का फंदा अजित पवार के गले में कसता जा रहा था। यह चर्चा थी कि अजित पवार अपने साथ कुछ एनसीपी विधायकों को लेकर बीजेपी के साथ सरकार में जा सकते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस में नीरजा चौधरी ने लिखा कि एनसीपी के कई नेताओं ने भी शरद पवार को इसके लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। वहीं पवार के फैसले से अब स्पष्ट हो गया कि महाराष्ट्र सुप्रिया सुले ही पावर में रहेंगी अजित पवार अब धीरे— धीरे साइड कर दिए जाएंगे।
इसे भी पढ़े…