नई दिल्ली। मशहूर बिजनेसमैन और हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन श्रीचंद परमानंद हिंदुजा यानी एसपी हिंदुजा ने बुधवार को 87 साल की उम्र में दुनिया छोड़ गए। वे बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे। एसपी हिंदुजा चार भाइयों में सबसे बड़े थे। लंदन में उनका निधन हुआ है।एसपी हिंदुजा डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी से पीड़ित थे। उनकी पत्नी मधु का इसी साल 6 जनवरी को निधन हुआ था। उनकी दो बेटियां शानू और वीनू हैं। 1952 में शिक्षा पूरी करने के बाद एसपी हिंदुजा अपने पिता के पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ गए थे।
परिवार की विरासत को आगे बढ़ाया
वहीं इस मामले में परिवार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि ‘गोपीचंद, प्रकाश, अशोक और पूरे हिंदुजा परिवार को आज हमारे परिवार के संरक्षक और हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन एसपी हिंदुजा के निधन की घोषणा करते हुए बहुत दुख हो रहा है। वे परिवार के मेंटॉर थे।’हिंदुजा ग्रुप ब्रिटेन के सबसे अमीर कारोबारी घरानों में से एक है। 1971 में परमानंद हिंदुजा के निधन के बाद, उनके बेटों ने पारिवारिक विरासत संभाली। इनकी प्रमुख कंपनियों में अशोक लेलैंड, गल्फ ऑयल, हिंदुजा बैंक स्विट्जरलैंड, इंडसइंड बैंक, हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस, हिंदुजा टीएमटी, हिंदुजा वेंचर्स, इंडसइंड मीडिया एंड कम्युनिकेशंस लिमिटेड हैं।
बोफोर्स घोटाले से भी जुड़ा था नाम
श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश हिंदुजा का नाम बोफोर्स घोटाले में भी सामने आया था। इस घोटाले में स्वीडिश कंपनी बोफोर्स पर यह आरोप लगाया गया कि उसने 1986 में भारत सरकार को 1.3 अरब डॉलर की रिश्वत दी थी। इसमें तीनों भाइयों ने मदद की थी। तीनों भाइयों पर CBI ने अक्टूबर 2000 में ये आरोप लगाए थे, मगर साल 2005 में दिल्ली की कोर्ट ने सबूत के अभाव में उन पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
कराची में हुआ था जन्म
श्रीचंद परमानंद हिंदुजा का जन्म 28 नवंबर 1935 को ब्रिटिश भारत के सिंध प्रांत के कराची में हुआ था । वह परमानंद दीपचंद हिंदुजा और जमुना परमानंद हिंदुजा के दूसरे पुत्र थे ,उनकी शिक्षा मुंबई के डावर कॉलेज ऑफ कॉमर्स और आरडी नेशनल कॉलेज में हुई। अपने छोटे भाइयों गोपीचंद , प्रकाश और अशोक के साथ, हिंदुजा को भारत के “फैब फोर” के पितामह के रूप में जाना जाता था।
प्रारंभिक व्यावसायिक कैरियर
हिंदुजा ने बॉम्बे , भारत और तेहरान , पहलवी ईरान में अपने पिता के कपड़ा और व्यापारिक व्यवसायों में अपना करियर शुरू किया । अपने शुरुआती करियर में उनके सफल व्यवसायों में भारत से ईरान को खाद्य वस्तुओं (प्याज और आलू) और लौह अयस्क की बिक्री शामिल थी।
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