माफिया अतीक अहमद के बहनोई को एसटीएफ ने उठाया, हत्यारों को दी थी पनाह और आर्थिक मदद

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Anonymous property of Mafia Atiq: The person earning eight thousand turns out to be the owner of land worth eight crores
मिट्टी में मिल चुके माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की काली कमाई का साम्राज्य सरकार की की सोच से भी बड़ा है।

मेरठ। संगमनगरी में दिनदहाड़े हुए उमेश पाल हत्या कांड के बाद से पुलिस लगातार माफिया अतीक अहमद से जुड़े लोगों पर लगातार कार्रवाई की जा रही हैं। अब तक दो शूटरों को पुलिस ने मिटृटी में मिला दिया हैं, कईयों सहयोगियों के भवनों को मिट्टी में मिला चुके है। इसी क्रम में शनिवार देर रात माफिया के बहनोई डॉ. अखलाक को गिरफ्तार किया है। क्योंकि डॉ. अखलाक ने माफिया अतीक के बेटे असद, शूटर मुस्लिम गुड्डू और साबिर को पनाह दी थी। एसटीएफ का दावा है कि आरोपी डॉक्टर अखलाक ने न सिर्फ शूटरों को पनाह दी, बल्कि उनकी आर्थिक मदद कर उमेश पाल की हत्या की साजिश भी रची थी। पुलिस आरोपी डॉक्टर अखलाक को वज्र वाहन से प्रयागराज के लिए लेकर रवाना हो गई।

आर्थिक मदद भी की

बता दें कि उमेश पाल की हत्या के मामले में शूटर असद, मुस्लिम गुड्डू, अरमान गुलाम और साबिर फरार चल रहे हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि अतीक की बहन और बहनोई मेरठ के भवानी नगर में रहते हैं। अतीक के बहनोई की पोस्टिंग अब्दुल्लापुर सीएचसी में है।जांच में यह भी सामने आया कि उमेश पाल की हत्या के बाद दो शूटर डॉक्टर अखलाक के घर आए थे। इससे पहले अक्सर शूटर अखलाक के घर रुकते रहते थे। एसपी एसटीएफ बृजेश सिंह का कहना है कि पूरी छानबीन के बाद देर रात एसटीएफ ने दबिश देकर डॉ अखलाक को गिरफ्तार कर लिया और थाने लाकर घंटों पूछताछ की। कई अहम जानकारियां हाथ लगने के बाद एसटीएफ की टीम डॉक्टर को अपने साथ लेकर प्रयागराज रवाना हो गई।

अशरफ को प्रयागराज लाने की तैयारी

वहीं, उमेश पाल हत्याकांड के मामले में अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश चंद्र गौतम ने बी वारंट जारी करते हुए पुलिस को सुविधानुसार अशरफ को कोर्ट में पेश करने की छूट दी है। यानी, कोर्ट ने कोई तिथि तय नहीं की है। पुलिस कभी भी उसे पेश कर सकती है। हालांकि, कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में अशरफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश भी पारित किया है। इसके पूर्व शनिवार को अशरफ के अधिवक्ताओं की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी करने की मांग वाली अर्जी दाखिल की गई थी, जिसे कोर्ट ने नहीं माना और पहले से दाखिल अर्जी (17 मार्च की) पर आदेश पारित कर दिया। इससे यह साफ हो गया कि अशरफ को पूछताछ के लिए पुलिस कभी भी यहां ला सकेगी।

शाइस्ता ने लगाई अग्रिम जमानत की अर्जी

उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता परवीन की अग्रिम जमानत और उसके दोनों नाबालिग बेटों के मामले में दाखिल अर्जी पर शनिवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब यह सुनवाई चार अप्रैल को होगी। शनिवार को अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने की वजह से दोनों ही मामलों में सुनवाई के लिए तिथि आगे बढ़ा दी गई है। शाइस्ता ने अपने दोनों नाबालिग बेटों को पुलिस द्वारा उठाए जाने के मामले में सीजीएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।पुलिस ने बताया कि दोनों बच्चों को राजरूपपुर स्थित बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। इस पर कोर्ट ने शाइस्ता के अधिवक्ताओं ने भौतिक सत्यापन के लिए कहा है। भौतिक सत्यापन के बाद वह अपनी रिपोर्ट सीजीएम कोर्ट को देंगे। जबकि, उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता नामजद आरोपी हैं। इसलिए उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर रखी है।

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