लखनऊ। योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरी दे रही है। शिक्षकों की नियुक्ति के बाद आंगनबाड़ी के खाली पदों को भरने की तैयारी की जा रही है। शासन स्तर से आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी और सहायिकाओं की भर्ती के लिए संशोधित नियमावली जारी किए जाने के बाद अब इन पदों पर भर्ती की कार्यवाही शुरू करने की तैयारी है। निदेशालय ने सभी जिलों को एक सप्ताह में आरक्षित समेत सभी श्रेणी के रिक्त पदों का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है।
12 साल से नहीं हुई कोई भर्ती
पिछले 10-12 साल से आंगनबाड़ी व सहायिकाओं के पदों पर भर्ती नहीं हो पाई है। ऐसे में करीब 53 हजार से अधिक पद खाली हैं। बाल विकास विभाग ने पिछले साल 29 जनवरी को भर्ती के लिए चयन समिति और सभी जिलों को ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रारूप उपलब्ध करा दिया था। मगर चयन प्रक्रिया के कुछ बिंदुओं के विरोधाभासी होने के चलते भर्ती की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई थी। इससे बहुत से जिलों में आंगनबाडी, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भर्ती अटक गई थी। वहीं, चयन प्रक्रिया में आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान न करने के खिलाफ कई लोग कोर्ट चले गए। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी।
भर्ती टल सकती हैं
अब बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने पुरानी चयन प्रक्रिया को संशोधित करते हुए नई चयन प्रक्रिया तय कर दिया है। इसमें ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षण के प्रावधान को शामिल कर दिया गया है। अब आईसीडीएस निदेशालय ने एक बार फिर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू किया है। इसी संबंध में सभी जिलों से रिक्त पदों का ब्योरा मांगा गया है।सूत्रों का कहना है कि यदि निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाती है तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती फिर टल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो निकाय चुनाव के बाद ही भर्ती हो पाएगी।
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