अमृतसर। पिछले कुछ माह से पंजाब की कानून की व्यवस्था को हाथ में लेना वाला वारिस पंजाब दे का चीफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पंजाब में ही छिपा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह अमृतसर में गोल्डन टेंपल स्थित श्री अकाल तख्त साहिब या बठिंडा के तलवंडी साहिब स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में आकर सरेंडर कर सकता है। इसका इनपुट मिलते ही पुलिस ने दोनों जगहों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है।
दोनों शहरों में नाकाबंदी कर गाड़ियों की तलाशी ली जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल ने सरेंडर के लिए 3 शर्तें रखी हैं। पहली- पुलिस कस्टडी में उसके साथ मारपीट न की जाए। दूसरी- उसे सिर्फ पंजाब की जेल में ही रखा जाए। तीसरी- उसके सरेंडर को गिरफ्तारी न दिखाया जाए। सूत्रों की मानें तो कुछ धार्मिक नेता उसके सरेंडर में मध्यस्थता कर रहे हैं।
700 पुलिस कर्मचारियों ने रात भर खोजा
इससे पहले मंगलवार रात पुलिस को एक संदिग्ध इनोवा गाड़ह की जानकारी मिली थी। यह फगवाड़ा से होशियारपुर जा रही थी। इसमें अमृतपाल और पपलप्रीत के सवार होने का पता चला। जिसके बाद पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने 37 KM तक उसका पीछा किया। पुलिस के ऑपरेशन के बाद युवक गुरुद्वारे के पास इनोवा छोड़ फरार हो गए। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। इसके बाद जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला के 700 पुलिस कर्मचारियों ने रातभर होशियारपुर और फगवाड़ा में सर्च ऑपरेशन चलाया। हालांकि जांच में इनोवा का नंबर फर्जी निकला।
पुलिस जांच में पता चला है कि अमृतपाल उत्तराखंड नंबर की महिंद्रा स्कॉर्पियो कार से फगवाड़ा तक पहुंचा था। यहां से वह इनोवा में फरार हुआ। सूत्रों के मुताबिक वह जालंधर में किसी विदेशी चैनल को इंटरव्यू देने आ रहा था, जिसमें अपनी पूरी बात रखने के बाद वह सरेंडर कर सकता था। इससे पहले ही पुलिस को उसकी भनक लग गई। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
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