गोदरेज एंड बॉयस ने भारतीय रेल और मेट्रो के लिए ऑटोमेटेड वॉशिंग सिस्टम्स तैयार करेगी इस कंपनी के साथ

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Godrej & Boyce will create automated washing systems for Indian Railways and Metro with this company
यह गठजोड़ भारत में अत्याधुनिक वैश्विक तकनीक पेश करने और विभिन्न स्वचालित वाशिंग सिस्टम के स्वदेशीकरण में योगदान देने का वादा करता है।
  • ऑटोमेटेड वॉशिंग सिस्टम्स में पानी की रिसाइक्लिंग का प्रतिशत अधिक होगा और ऊर्जा की खपत कम होगी जिससे हरित भारत में योगदान दिया जा सकेगा

  • यह साझेदारी गोदरेज टूलिंग को अगले कुछ वर्षों में 200 करोड़ रुपये से अधिक का बाजार अवसर उपलब्ध कराती है

मुंबई, बिजनेस डेस्क। गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस ने घोषणा की कि उसके बिजनेस गोदरेज टूलिंग ने जापान की प्रसिद्ध वाहन सफाई मशीन निर्माता कंपनी, जेसीडब्ल्यू जापान के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय रेल और मेट्रो के लिए स्वचालित और टिकाऊ वाशिंग सिस्टम विकसित करना है। भारत में गोदरेज टूलिंग की मजबूत उपस्थिति के साथ जेसीडब्ल्यू जापान की वैश्विक विशेषज्ञता के संयोग के जरिए, यह गठजोड़ भारत में अत्याधुनिक वैश्विक तकनीक पेश करने और विभिन्न स्वचालित वाशिंग सिस्टम के स्वदेशीकरण में योगदान देने का वादा करता है।

50 नए मेट्रो मेंटनेंस डिपो

अगले तीन वर्षों में लगभग 50 नए मेट्रो मेंटनेंस डिपो की उम्मीद है। ऐसे में, भारतीय बाजार में वाशिंग सिस्टम की मांग बढ़ने का अनुमान है। स्वचालित वाशिंग सिस्टम के क्षेत्र में रेलवे और मेट्रो रेल निगमों से अगले पांच वर्षों में लगभग 200 करोड़ रुपये का बाजार अवसर अनुमानित है। नवीनतम प्रौद्योगिकी युक्त वाशिंग सिस्टम स्थायी सफाई समाधान प्रदान करेगा, जिनमें समय और संसाधनों का दक्षतापूर्वक उपयोग होगा। प्रारंभ में, गोदरेज टूलिंग 20-30% स्वदेशीकरण के साथ शुरुआत करेगा; इस बिजनेस का लक्ष्य अगले पांच वर्षों के भीतर स्थानीय क्षमताओं को 80% तक बढ़ाना है।

जेसीडब्ल्यू जापान के साझेदारी

इस अवसर पर गोदरेज टूलिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड, पंकज अभ्यंकर ने कहा, “जेसीडब्ल्यू जापान के साथ यह साझेदारी रेलवे और मेट्रो कोचों के रखरखाव और सर्विसिंग की गति और गुणवत्ता और सुरक्षा में सुधार लाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। ऑटोमैटिक ट्रेन वॉश प्लांट में ट्रेन के प्रवेश के साथ, इसे श्रृंखलाबद्ध प्री-प्रोग्राम्ड प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, जैसे सोकिंग, रिन्सिंग, फोमिंग, वॉशिंग और ड्राइंग। कोच के प्रकार के अनुसार इनमें अंतर हो सकता है। ट्रेन की लंबाई के आधार पर, पूरी ट्रेन को साफ करने में सिर्फ पांच से दस मिनट का समय लगता है। ऑटोमेटेड वाशिंग सिस्टम में पानी रिसाइक्लिंग अधिक होगी और ऊर्जा की खपत कम होगी जिससे सस्टेनेबिलिटी में बेहतर योगदान दिया जा सकेगा।

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