हिन्दू पक्ष को झटका: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह की 13 एकड़ जमीन के दावे पर आ गया कोर्ट का फैसला

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When his wife stopped him from making love to his younger brother's wife, he burnt her to death, now he will spend his life in jail.
पति, देवरानी व अन्य ससुराल वालों ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।

मथुरा। भगवान श्रीकृण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुना दिया। इससे पहले 20 मार्च को सुनवाई पूरी करके कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के फैसले से दूसरी बार हिंदू पक्षकार को झटका लगा है। 13.37 एकड़ जमीन के अमीन सर्वे पर शनिवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। एडीजे षष्ठम की अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट इसे सुनने योग्य ही नहीं माना। कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके ईदगाह के सर्वे की मांग की गई थी। जबकि, ईदगाह पक्ष केस सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर बहस चाहता था।

जिला जज की अदालत गए पक्षकार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ठाकुर महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित 13.37 एकड़ जमीन पर मौजूद ईदगाह को हटाने के लिए याचिका डाली थी। इसमें सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायाधिकारी ने पहले केस के स्थायित्व पर सुनने संबंधी आदेश कर दिया। इस आदेश के खिलाफ पक्षकार जिला जज की अदालत गए। यहां से प्रार्थना-पत्र को सुनवाई के लिए एडीजे षष्ठम की अदालत भेजा गया।

एडीजे षष्ठम की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनी। इसके बाद पक्षकार की तरफ से ईदगाह पर अमीन सर्वे के संबंध में सुनवाई करने की मांग को खारिज कर दिया। अब सिविल जज सीनियर डिवीजन में केस चलने योग्य है या नहीं इस पर बहस होगी। पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनका रिवीजन प्रार्थना-पत्र अदालत ने खारिज कर दिया है। इससे पहले भी अदालत इसे खारिज कर चुकी थी। इस पर पक्षकार ने रिवीजन वाद दाखिल किया था।

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