छोटे भाई से झगडे के बाद थप्पड़ मारने से नाराज किशोर ने मां के सामने फांसी लगाकर दी जान

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Court awarded death sentence to the accused of rape and murder of sister-in-law after wife's testimony
न्यायालय ने सभी साक्ष्यों व तथ्यों के मद्देनजर दोषी रोहित को फांसी की सजा सुनाई।

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हृदयविदारक घटना सामने आई हैं। यहां दो भाईयों में टीवी पर कार्यक्रम देखने के लिए विवाद हुआ, इसके बाद मां ने झगड़ा शांत कराने के लिए बड़े बेटे को थप्पड़ मार दिया, इससे वह इतना ज्यादा नाराज हो गया कि उसने रूम का दरवाजा बंद करके मां की आंखों के सामने ही फांसी लगाकर जान दे दी। मां खिड़की से रोकती रही, लेकिन किशोर नहीं रूका।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने घरवालों के अनुरोध पर बिना पोस्टमार्टम सिर्फ पंचनामा कर बच्चे का शव उन्हें सौंप दिया। रुमिका तिवारी के पति राजेश तिवारी की मौत हो चुकी है। वह दो बेटों आयुष्मान व अंशुमान के साथ कटरा विजन बेग में रह रही थीं। रविवार रात को रुमिका घरेलू काम कर रही थीं और दोनों बेटे कमरे में टीवी देख रहे थे। छोटा बेटा अंशुमान टीवी पर छोटा भीम देख रहा था तो आयुष्मान चैनल बदलने लगा। इसी बात पर दोनों में झगड़ा हो गया और आयुष्मान ने अंशुमान को दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए। इसके बाद अंशुमान को कमरे से बाहर निकालने लगा। रुमिका ने झगड़े की आवाज सुनी तो कमरे में पहुंच गईं और आयुष्मान की हरकत देख उसे एक थप्पड़ मार दिया। इससे वह नाराज हो गया।

मां देखती रहीं और वह झूल गया

इसके बाद बड़े बेटे आयुष्मान ने मां का मोबाइल लिया और कमरे को अंदर से बंद कर लिया। रुमिका को लगा कि वह नाराज है, कुछ देर में खुद दरवाजा खोल देगा। कुछ देर बाद वह दरवाजे पर दस्तक देने लगीं, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इस पर रुमिका ने खिड़की से झांककर देखा तो अंदर आयुष्मान फंदा बना रहा था। वह खिड़की से चिल्लाते हुए उसे रोकने लगीं, लेकिन वह नहीं माना। उसने मां की आंख के सामने ही फांसी लगा ली।

दरवाजा तोड़कर निकाला 

प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज सिद्धार्थ मिश्रा के मुताबिक रुमिका ने शोर मचाया तो आसपास के लोग जुट गए। कमरे का दरवाजा लोहे था, इसलिए तोड़ नहीं पाए। इसके बाद पड़ोसियों ने गैस सिलिंडर से दरवाजे पर कई वार किए तो दरवाजा टूट गया। आनन-फानन आयुष्मान को फंदे से उतार कर ट्रॉमा सेंटर ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत की खबर सुनते ही रुमिका बदहवाश हो गईं। पड़ोसियों ने उन्हें किसी तरह संभाला। रुमिका ने पुलिस से पोस्टमार्टम न कराने की गुहार लगाई। इस पर ट्रॉमा सेंटर चौकी प्रभारी ने उच्चाधिकारियों से बातचीत कर शव का पंचनामा कर रुमिका को सौंप दिया। प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज सिद्धार्थ मिश्रा के मुताबिक मामले में न कोई तहरीर मिली है और न ही कोई शिकायत मिली है।

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