मुरैना। चंबल के मुरैना जिले में शनिवार सुबह 10.30 बजे वायु सेना के दो लड़ाकू विमान क्रैश हो गए। हादसे के बाद तेज आवाज हुई और आग की लपटों का गोला बनकर गिर गए। पहाड़गढ़ के लोगों ने धमाके के बाद जलते हुए एक विमान को गिरता देखा। भागते हुए ग्रामीण उस जगह पहुंचे आग की लपटों के बीच मलबा बिखरा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने धूल से आग बूझाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाए। पास में ही दो पायलट पैराशूट के साथ झाड़ियों में फंसे हुए थे, जिन्हें लोगों ने बाहर निकाला। इससे पहले भिंड में प्रशिक्षण के दौरान भी हादसा हो चुका हैं।
हादसे के बाद मुरैना जिले के पहाड़गढ़ के जंगल में विमान क्रैश होते ही आसपास के 15 गांवों के करीब 2000 लोग मौके पर पहुंच गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक विमान में आग लगते ही दोनों पायलटों ने पैराशूट के सहारे कूद गए जो झाड़ियों में फंसने से घायल हो गए। ग्रामीणों ने उनको बाहर निकाला। दोनों पायलट को सेना के हेलिकॉप्टर से ग्वालियर ले जाया गया। यहां उनका इलाज जारी है। वहीं एक अन्य पायलट की मौत हो गई। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर धूल डालकर आग बुझाने के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हुए। बाद में फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। विमान का मलबा करीब 800 मीटर दूर तक बिखर गया।
पेड़ पर फंसा पैराशूट
हादसे के बाद पायलट पैराशूट के सहारे जंप लगा दिए, दुर्भाग्य से एक पायलट का पैराशूट पेड़ की टहनियों में फंस गया इससे पायलट घायल हो गए। ग्रामीणों की मदद से दोनों पायलटों को झाड़ियों से निकालकर खाली स्थान पर लिटा दिया गया। दोनों पायलटों से हम बात कर रहे थे, तभी एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर मौके पर पहुंच गया। घायल अवस्था में दोनों पायलटों को ग्वालियर हॉस्पिटल ले जाया गया।
सरपंच ने बताया कि घटनास्थल पर एक विमान का मलबा पड़ा हुआ था, जबकि उसके पास एक व्यक्ति का कटा हुआ हाथ और शरीर के कुछ अंग पड़े थे। घटना के कलेक्टर और एसपी भी वहां पहुंच गए। करीब 200 मीटर तक वायु सेना के जवानों ने विमान के मलबे की तलाश शुरू कर दी।
तेज धमाकें से सहमें ग्रामीण
दोनों विमानों में टक्कर होने के बाद काफी तेज आवाज हुई।ग्रामीणों के घरों के शीशे व दरवाजे हिल गए।घटना की जानकारी लगते ही पहाड़गढ़ के पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गए। घटना के कुछ मिनट बाद एयरफोर्स के अफसर भी आ गए। पहाड़गढ़ के रहने वाले वीरू ने बताया कि सुबह करीब 9:30 बजे उन्हें तेज धमाके की आवाज सुनाई दी। उन्हें आसमान में एक विमान दिखा। उसमें से धुआं निकल रहा था, वह विमान आगे चला गया। कुछ देर बाद हमें गांव से चार-पांच किमी दूर जंगल से धुआं उठता दिखाई दिया। हम सरपंच सहित कई लोग मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंचे तो वहां आग की ऊंची लपटें दिखी। हमले आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन लपटें बहुत तेज थी। हमारे पास पानी भी नहीं था। ऐसे में उसे बुझा पाना संभव नहीं था।
22 दिन पहले रीवा में ट्रेनी विमान हुआ था क्रैश
मध्यप्रदेश के रीवा में 22 दिन पहले ही एक ट्रेनी विमान क्रैश हो गया था। हादसे में एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दूसरा ट्रेनी पायलट घायल हुआ था। हादसा 5 जनवरी की रात करीब 11.30 बजे से 12 के बीच हुआ। विमान पहले आम के पेड़ से टकराया फिर मंदिर के शिखर को तोड़ते हुए नीचे आ गिरा। प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण कोहरा बताया गया। हादसे में ट्रेनिंग दे रहे पायलट कैप्टन विमल कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि राजस्थान के ट्रेनी पायलट सोनू यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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