नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। एचएसबीसी म्युचुअल फंड ने आज ओपेन-एंडेड इक्विटी स्कीम एचएसबीसी मल्टी कैप फंड लॉन्च करने की घोषणा की जो सभी प्रमुख लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में निवेश करेगा।न्यू फंड ऑफरिंग (एनएफओ) की शुरुआत 10 जनवरी, 2023 से होगी और यह 24 जनवरी, 2023 को बंद होगा। एचएसबीसी मल्टी कैप फंड का उद्देश्य बाज़ार में उपलब्ध इक्विटी और इक्विटी से संबंधित निवेश उपकरणों में निवेश करके लंबी अवधि के लिए संपत्ति जुटाने में निवेशकों की मदद करना है।
फंड के माध्यम से किए जाने वाले निवेश में लार्ज, मिड और स्मॉल कैप की न्यूनतम हिस्सेदारी होगी (प्रत्येक में कम से कम 25 फीसदी) और शेष 25 फीसदी तक का आवंटन इक्विटी या डेट सिक्योरिटीज़ और पूंजी बाज़ार के उपकरणों में किया जाएगा। इस ढांचे को ध्यान में रखते हुए यह फंड निवेशकों को उचित विविधता उपलब्ध करा सकेगा।
एचएसबीसी मल्टी कैप फंड
एचएसबीसी असेट मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (एचएसबीसी एएमसी) द्वारा एलएंडटी एएमसी और एलएंडटी म्युचुअल फंड की स्कीमों का अधिग्रहण किए जाने के बाद एचएसबीसी मल्टी कैप फंड के अपने पहले एनएफओ के साथ एचएसबीसी म्युचुअल फंड अब भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड द्वारा तय की गई म्युचुअल फंड स्कीमों की ज़्यादातर श्रेणियों में फंड जारी करता है। ये फंड म्युचुअल फंड के कैटेगराइजेशन और रेशनलाइजेशन के नियमों के अंतर्गत जारी किए जाते हैं।
100 फीसदी चुकता इक्विटी शेयर पूंजी एचएसबीसी सिक्योरिटीज़ एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के पास है। 25 नवंबर, 2022 (“पूरी होने की तारीख”) के कारोबारी घंटों से और कारोबारी घंटे पूरे होने के समय से एलएंडटी म्युचुअल फंड की स्कीमें एचएसबीसी म्युचुअल फंड (“एचएसबीसी एमएफ”) को स्थानांतरित हो जाएंगी और उसका हिस्सा होंगी। एचएसबीसी एएमसी और उसके नामितों ने एलएंडटी प्रायोजकों और उसके नामितों से एलएंडटी एएमसी की संपूर्ण शेयर पूंजी का अधिग्रहण किया है।
फिक्स्ड इनकम फॉर डोमेस्टिक इक्विटीज़
एचएसबीसी मल्टी कैप फंड का प्रबंधन वेणुगोपाल मनघट, सीआईओ- इक्विटीज़, सोनल गुप्ता, प्रमुख, रिसर्च- इक्विटी, और कपिल पंजाबी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एवं फंड मैनेजर – फिक्स्ड इनकम फॉर डोमेस्टिक इक्विटीज़, ओवरसीज़ इंवेस्टमेंट्स और फिक्स्ड इंवेस्टमेंट्स क्रमश: स्कीम के हिसाब से करेंगे।
निवेश-रणनीति इस प्रकार होगी:
• स्थायी मुनाफे, कमाई की बेहतर संभावना और उचित मूल्यांकन के साथ मज़बूत कारोबार पर ध्यान देना
• बेहतर स्टॉक के चयन और मज़बूत फ्रैंचाइज़ी पर ध्यान – इससे पोर्टफोलियो में लार्ज, मिड और स्मॉल कैप के बेहतर मिश्रण से हर समय अच्छा प्रदर्शन करने का मौका मिलता है
• जोखिम से हटकर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए ज़्यादा विविधता और संभावनाओं की पेशकश करने का मौका
एचएसबीसी मल्टी कैप फंड के फायदे
- बेहतर कारोबार और ट्रैक रिकॉर्ड के साथ अच्छी तरह शोध किए गए लार्ज कैप शेयरों का कमाई पर असर दिखाई देता है और इससे संपत्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है।
- मिड कैप शेयरों की कीमत और उनका मूल्यांकन आम तौर पर सही नहीं रहता है क्योंकि अपेक्षाकृत इन शेयरों की खरीदारी कम होती है- ऐसे में इनमें वृद्धि की अपार संभावनाएं होती हैं।
- स्मॉल कैप के माध्यम से बड़े अवसर क्योंकि उनमें कम रिसर्च/कम खरीदारी की वजह से वैल्यूएशन में डिस्काउंट मिल सकता है।
- कुल असेट में आवंटन के लिए लचीली रणनीति अपनाने से मदद मिलती है क्योंकि बाज़ार की स्थिति के सकारात्मक होने पर फंड में किसी खास मार्केट कैप या डेट सिक्योरिटी और पूंजी बाज़ारों की हिस्सेदारी बढ़ाई जा सकती है। इससे निवेशकों को एक ही फंड के माध्यम से अलग-अलग बाज़ार स्थिति में लाभ पाने का मौका मिलता है।
तीन लाभ मिलते हैं
एचएसबीसी मल्टी कैप फंड के लॉन्च के बारे में कैलाश कुलकर्णी, को-सीईओ, एचएसबीसी असेट मैनेजमेंट (इंडिया) प्राइवेट इंडिया ने कहा, “एचएसबीसी मल्टी कैप फंड को लॉन्च करने के साथ ही हम निवेशकों को सभी लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक में निवेश करने का लाभ पाने का अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। एक फंड के साथ निवेशकों को तीन लाभ मिलते हैं: लार्ज कैप शेयरों में नकारात्मक रिटर्न की आशंका काफी कम रहती है या लंबी अवधि में इक्विटी में गिरावट सीमित होती है, मिड कैप में तेज़ वृद्धि की जबरदस्त क्षमता होती है और स्मॉल कैप में ज़्यादा मुनाफा पाने का मौका होता है।”
निवेश रणनीति बॉटम-अप
निवेश रणनीति के बारे में वेणुगोपाल मनघट, सीआईओ-इक्विटी, एचएसबीसी असेट मैनेजमेंट कंपनी इंडिया ने कहा, “हम अपनी प्रत्येक स्कीम के लिए अपनी निवेश रणनीति के प्रति प्रतिबद्ध रहते हैं और इसके निवेश के उद्देश्यों को पूरा करने की कोशिश करते हैं।
सभी स्कीमों में हमारी निवेश रणनीति बॉटम-अप यानी सभी की हिस्सेदारी का खयाल रखने की होती है। हम कंपनियों को कई मानकों के आधार पर परखते हैं जैसे कि पूंजी आवंटन और रिटर्न, प्रतिस्पर्धात्मक लाभ, कारोबारी संभावनाएं, प्रबंधन, मुनाफे की संभावनाएं व अन्य। हम रणनीति को आसान बनाए रखते हैं और बेहतर लाभ के उद्देश्य से लंबी अवधि के लिए निवेश को बनाए रखना चाहते हैं।”
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