लखनऊ। इन दिनों यूपी की राजधानी लखनऊ में आईआईएम रोड के सरौरा में स्थित बड़ी भुइयन माता मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। दरअसल यहां चल रहे 10वें 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ में हर रोज श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। इस ग्यारह दिवसीय भव्य धार्मिक अनुष्ठान के यहां हर रोज मंत्रोच्चार व शंखों की पवित्र ध्वनि के बीच श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहता है।
हर रोज होता है श्रद्धालुओं का जमावड़ा
यहां बने 109 हवन कुण्ड में हर आहूति के बाद यज्ञ कुंड से निकलती ऊर्जा श्रद्धालुओं के मन—मस्तिक को पूरी तरह से साकारात्मक ऊर्जा से सराबोर कर जाती है। इससे पहले यहां प्रत्येक दिन तपस्वी नागा साधू आनंद गिरि के सानिध्य में आचार्य शिवाकांत द्विवेदी के दिशा—निर्देशन एवं आचार्य अनिल पाण्डेय की उपस्थिति में प्रमुख हवन कुंड में पुरोहितों द्वारा पूरे विधि—विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद मंत्र जाप किया जाता है। फिर यज्ञ कुड में आहूति का क्रम शुरू होता है। इस दौरान यहां बने अन्य 108 यज्ञ कुण्ड में यहां उपस्थित श्रद्धालु भी आहूति डालते हैं।
हर शाम आचार्य शिवाकांत द्विवेदी करते है कथा पाठ
इस दौरान सारा वातावरण पूरी तरह साकारात्मक ऊर्जा से लबरेज रहता है। तत्पश्चात् आरती एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम होता है। वहीं हर रोज शाम 7 बजे चित्रकूट से पधारे आचार्य शिवाकांत द्विवेदी द्वारा कथा पाठ का आयोजन होता है। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते है और कथा का श्रवण कर अपने को तृप्त करते है। वहीं आयोजन के उद्देश्य के बारे में माता सेवक तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि ने बताया कि लोगों में सद्बुद्धि, सद् व्यवहार तथा धर्म का विकास ही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।
पूर्णाहुति के साथ 7 नवंबर को संपन्न होगा महायज्ञ
उन्होंने बताया कि यहां यह आयोजन दसवीं बार हो रहा है। आयोजन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 27 अक्टूबर को भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसके बाद अग्नि स्थापना के साथ इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर से यहां रामलीला व कथा का आयोजन किया जा रहा हैं जिसमें हर दिन यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है। नागा साधू आनंद गिरि ने बताया कि 7 नवंबर को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ संपन्न होगा। वहीं अगले दिन यानि 8 नवंबर को यहां भव्य भण्डारा के साथ वार्षिक मेले का भी आयोजन होगा। जिसमें रावण दहन के साथ ही यह ग्यारह दिवसीय भव्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हो जाएगा।
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