लखनऊ: बड़ी भुइयन माता मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब,सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभारंभ

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आज शंखों की तीव्र ध्वनियों के साथ मन—मस्तिष्क में साकारात्मक ऊर्जा का संचार करते मंत्रोच्चार के बीच आस्था के उमड़ते सैलाब का साक्षी बना बड़ी भुइयन माता मंदिर। अवसर था यूपी की राजधानी लखनऊ के आईआईएम रोड के सरौरा में स्थित बड़ी भुइयन माता मंदिर परिसर में 10वें 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ के आयोजन का।

लखनऊ। आज शंखों की तीव्र ध्वनियों के साथ मन—मस्तिष्क में साकारात्मक ऊर्जा का संचार करते मंत्रोच्चार के बीच आस्था के उमड़ते सैलाब का साक्षी बना बड़ी भुइयन माता मंदिर। अवसर था यूपी की राजधानी लखनऊ के आईआईएम रोड के सरौरा में स्थित बड़ी भुइयन माता मंदिर परिसर में 10वें 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ के आयोजन का।

कलश यात्रा के दौरान बख्शी का तालाब स्थित मां च​न्द्रिका देवी मंदिर में पूजा—अर्चना के लिए जाते तपस्वी नागा साधू आनंद गिरि, आचार्य अनिल पाण्डेय एवं अन्य।

दरअसल गुरूवार को भव्य कलश यात्रा व अग्नि स्थापन के बाद आज यानि शुक्रवार को इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान का प्रारंभ हो गया। तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि के सानिध्य में आयार्च अनिल पाण्डेय व अन्य प्रख्यात पुरोहितों द्वारा आज पूरे विधि विधान के साथ यहां 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभारंभ हुआ।
जिसका पूर्णाहुति के साथ 7 नवंबर को समापन होगा।

भव्य कलश यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब

इससे पहले यहां गुरूवार को भव्य कलश यात्रा का आयोजन हुआ। जिसके बाद अग्नि स्थापना के साथ दस दिनों तक चलने वाले इस 109 कुण्डीय सुमेरू रूद्रमहायज्ञ का शुभांरभ हुआ। अग्नि स्थापन के साथ ही यहां बने 108 हवनकुडों में आचार्य के दिशा—निर्देशन में पुरोहितों ने मंत्रजप के बाद अग्नि चेतन कर यज्ञ में आहुति डाली।

कलश यात्रा निकलने से पहले चर्चा करते तपस्वी नागा साधू आनंद गिरि।

इससे पहले यहां पूरे विधि—विधान के साथ आचार्यो के दिशा—निर्देशन में तपस्वी नागा साधु आनंद गिरि ने पूजन—अर्चन किया। नागा साधु आनंद गिरि के नेतृत्व में आचार्य—पुरोहितों व श्रद्धालुओं ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा भी की। देर शाम आरती के साथ पहले दिन पूजन—अर्चन कार्य संपन्न हुआ।

29 अक्टूबर से रामलीला व ​कथा का शुभारंभ

माता सेवक तपस्वी नागा साधु आनन्द गिरि ने बताया कि लोगों में सद्बुद्धि, सद् व्यवहार तथा धर्म का विकास ही इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि यहां यह आयोजन दसवीं बार हो रहा है। आयोजन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि गुरूवार को भव्य कलश यात्रा निकाली गई।

बख्शी का तालाब स्थित मां चन्द्रिका देवी मंदिर में पूजा—अर्चना करते तपस्वी नागा साधू आनंद गिरि। साथ में आचार्य अनिल पाण्डेय एवं अन्य।

बताया गया कि 29 अक्टूबर को रामलीला व कथा का आयोजन आरंभ होगा। वहीं 7 नवंबर को पूर्णाहुति के साथ यज्ञ संपन्न होगा। अगले दिन यानि 8 नवंबर को यहां भव्य भण्डारा के साथ वार्षिक मेले का भी आयोजन होगा। इसके साथ ही यहां दस दिनों तक चलने वाले इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान का समापन हो जाएगा।

बड़ी भुइयन माता मंदिर परिसर में आचार्य अनिल पाण्डेय से चर्चा करते तपस्वी नागा साधू आनंद गिरि। साथ में अन्य।

कार्यक्रम का विवरण

कलश यात्रा एवं अग्नि स्थापना— गुरूवार, 27 अक्टूबर, 2022। यज्ञ शुभारंभ— शुक्रवार, 28 अक्टूबर,2022। रामलीला एवं कथा का आरंभ— शनिवार, 29 अक्टूबर, 2022। पूर्णाहुति— सोमवार, 7 नवंबर, 2022। भण्डारा, वार्षिक मेला— मंगलवार, 8 नवंबर, 2022।

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