गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तपोस्थली गोरखपुर से एक हैरानी करने वाला मामला सामने आया है। यहां मौत के मोर्चरी में रखे युवक के शव की चूहों ने दुर्दशा कर दी। चूहों द्वारा कुतरा हुआ शव देखकर परिजन आक्रोशित हो गए। मामले की जानकारी होने पर पहुंचे सीएमओ ने किसी तरह मामले को संभाला।
आपकों बता दें कि मोर्चरी में रखे युवक के शव को रात भर चूहे कुतरते रहे, लेकिन किसी ने शव को डीप-फ्रीजर में रखने का प्रयास नहीं किया। चूहों ने शव का चेहरा और नाक कुतर दिया था। बाद में परिजन आए और शव देखकर आक्रोशित हो गए। घटना से नाराज परिजनों ने प्रदर्शन भी किया। साथ ही सीएमओ को ज्ञापन देकर मामले में कार्रवाई की मांग की। सीएमओ ने जांच कमेटी बनाकर दो दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है।
हादसे में हुई थी दोनों की मौत
रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के पोस्ट. बड़गो के सेंदुली.बेंदुली गांव के सुमित गौड़ 21 और महबूब सिद्दीकी 20 दुर्गा पूजा के लिए प्रतिमा बैठाने की तैयारी कर रहे थे। जहां पंडाल लगना था। इसी दौरान वहां बारिश का पानी भर गया। दोनों पानी निकालने के लिए मंगलवार को पिकप से पंपिंग सेट लेने गए थे। खोराबार थानाक्षेत्र के जगदीशपुर फोरलेन पर पिकप अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में सुमित गौड़ और महबूब सिद्दीकी की मौत हो गई।
रात होने की वजह से दोनों के शव मोर्चरी में रखवा दिए गए। बताया जा रहा है कि चूहों ने मंगलवार की रात ही सुमित के शव के चेहरे और नाक को कुतर डाला। बुधवार सुबह जब परिजन पोस्टमार्टम हाउस आए तो अवाक रह गए। परिजनों के मुताबिक, सुमित के शव के कई हिस्सों को कुतरा गया था। आरोप है कि डीप.फ्रीजर नहीं चल रहा था। अगर शव को डीप फ्रीजर में रखा जाता तो यह हाल नहीं होता। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से घटना घटी है। इस मामले में लापरवाही करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
शिकायत लेने में आनाकानी
वहीं शव की दुर्दशा की जानकारी होने पर सामाजिक कार्यकर्ता शिवसागर चंद मौके पर पहुंचे। आरोप लगाया कि परिजन मामले की शिकायत लेकर जब सीएमओ कार्यालय पहुंचे तो वहां से जिला अस्पताल में शिकायत करने की बात कही गई। जिला अस्पताल पहुंचने पर वहां से बताया गया कि पोस्टमार्टम हाउस सीएमओ के अधीन है। ऐसी स्थिति में वहां शिकायत करिए। परिजन एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय का चक्कर लगाते रहे। लेकिन, किसी स्वास्थ्य कर्मी ने सही जानकारी नहीं दी। मीडिया में मामला आने के बाद परिजन सीएमओ से मिले, तब जाकर शिकायत दर्ज की गई ।
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